Ajay Devgn: फैन्स फिल्मी कलाकारों के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करते हैं. ये फैन्स ही होते हैं जिनकी वजह से फिल्मी सितारों की फिल्में सुपरहिट और फ्लॉप साबित होती. बॉलीवुड में अपने फेवरेट कलाकार के लिए फैन्स की दीवानगी के किस्से जगजाहिर हैं, लेकिन कुछ फैन्स ऐसे होते हैं, जिनकी वजह एक्टर मुसीबत में पड़ जाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ था हिंदी फिल्मी इंडस्ट्री के सिंघम अजय देवगन के साथ. दरअसल अजय देवगन पर साल 2019 में आई उनकी एक फिल्म दे दे प्यार दे के स्टंट सीन पोस्टर को लेकर अजमेर के एक फैन ने उपभोक्ता आयोग में केस दर्ज करा दिया था. हालांकि अब इस केस में अजय को हरी झंडी मिल गई है.
इस वजह से फैन ने किया केस
गौरतलब है कि जब अजय देवगन की फिल्म दे दे प्यार दे आयी, तब इस फिल्म के एक पोस्टर में अजय देवगन स्टंट करते नजर आए थे. यही वह बाइक स्टंट था जो अजय ने साल 1991 में आई अपनी फिल्म फूल और कांटे में दर्शाया था. इसी पोस्टर को देखकर अजमेर का एक फैन फिल्म दे दे प्यार देखने सिनेमाघर पहुंचा और जब उसे इस फिल्म में अजय देवगन का यह स्टंट सीन नहीं देखने को मिला तो उसने अजय देवगन और इस फिल्म के प्रोडक्शन हाउस लव फिल्मस प्रोडक्शन और अजमेर माया मंदिर सिनेमा हॉल पर गलत तरीके फिल्म का ऐड करने के लिए आरोप लगाया. साथ ही उस शख्स ने कंज्यूमर कोर्ट में मानसिक हानि के लिए 4 लाख 51 हजार रुपए और शिकायत में खर्च हुए 11 हजार रु की धनराशि और बिजनेस के गलत तरीके के तहत याचिका दायर की थी.
दो साल बाद कोर्ट से मिली अजय को बड़ी राहत
इस पूरे मामले की सुनवाई सोमवार को अजमेर के कंज्यूमर कोर्ट में हुई. जिसके तहत अदालत ने अजय देवगन को निर्दोष करार दिया. अजय के खिलाफ दर्ज कराए गए सारे मामलों को खारिच करने के आदेश के साथ कोर्ट ने कहा है कि अजय देवगन मात्र एक कलाकार है. फिल्म में किसी सीन को रखना न रखना उनके हाथ में नहीं है, इसके अलावा फिल्म के प्रचार के दौरान कैसा पोस्टर और ऐड दिखाना है, उससे उनका कोई भी ताल्लुक नहीं है. ऐसे में वो इस मामले से पूरी तरह से निर्दोष पाए जाते हैं.
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