मैं लोगों की मानसिकता बदलने को फिल्में नहीं करता : अक्षय कुमार
नई दिल्ली: अभिनेता अक्षय कुमार ने अपने 25 साल से ज्यादा समय के फिल्मी सफर में एक्शन, रोमांटिक, देशभक्ति, हास्य, ड्रामा से भरपूर विविधतापूर्ण किरदार निभाए हैं. 100 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता ने फिल्मों के जरिए बुराई पर अच्छाई की जीत की अवधारणा को भी दर्शाया है.
हालांकि, उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी दर्शकों को किसी मुद्दे पर उपदेश देने या उनकी मानसिकता बदलने के बारे में नहीं सोचा है.
अक्षय ने बताया, "मैं लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए फिल्में नहीं करता. मैं वहीं फिल्में करता हूं जिन पर मुझे यकीन है, इसलिए मैं वहीं फिल्में पेश करता हूं, जिनमें मुझे खुद यकीन है. अगर किसी को फिल्म पसंद आती है या नहीं आती है तो यह लोगों के ऊपर निर्भर करता है."
अक्षय की फिल्म 'जॉली एलएलबी-2' शुक्रवार को रिलीज हो रही है.
अक्षय ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्होंने फिल्म 'ओह माय गॉड' इसलिए की, क्योंकि वह मूर्ति पूजा में यकीन नहीं रखते. उनका मानना है कि भगवान हम सबके अंदर होते हैं. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने उन्हें बताया कि फिल्म उन्हें बेहद पसंद आई और वे भी मूर्ति पूजा में यकीन नहीं रखते.
हालांकि, अक्षय कहते हैं कि उन्होंने जानबूझकर फिल्मों के जरिए सीख देने की कोशिश कभी नहीं की.
अभिनेता के मुताबिक, 'जॉली एलएलबी-2' एक गंभीर विषय पर रोशनी डालता है, जो यह है कि प्यार और जंग में सब कुछ जायज नहीं होता, जबकि हमेशा यही सुना गया है कि प्यार और जंग में सब कुछ जायज है.
सुभाष कपूर निर्देशित 'जॉली एलएलबी-2' में हुमा कुरैशी, सौरभ शुक्ला और अन्नू कपूर भी हैं.