चंद्रयान 2 मिशन की असफलता पर बोले अक्षय कुमार- यह मिशन जल्द दी चंद्रयान 3 का रास्ता तय करेगा
'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' के चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट जाने के बाद इस मिशन से लोगों को मायूसी जरूर हुई, मगर इस मिशन के लिए लोग इसरो के प्रयास की सराहना करते हुए नजर आ रहे हैं. इसरो के इस प्रयास के लिए चाहें आम हो या खास सभी एक आशा के साथ भारती अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की तारीफ करते नजर आ रहे हैं.
देश के 'चंद्रयान-2' के लैंडर 'विक्रम' का चांद पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया जिसके बाद हर किसी में निराशा नजर आई लेकिन पूरा देश आज इस प्रयास के लिए इसरो की सराहना कर रहा है. पीएम मोदी सहित कई बॉलीवुड हस्तियों ने इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ की है और कहा है कि इसरो बहुत सारी आशाएं जुड़ी हैं. इसरो की तारीफ करने में बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार भी आगे आए हैं.
अक्षय कुमार ने सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, ''बिना प्रयोग के कोई भी विज्ञान सफल नहीं हुआ है. कभी-कभी हम सफल होते हैं, कभी-कभी हम सीखते हैं. इसरो के शानदार दिमाग को सलाम, हमें गर्व है और विश्वास है चंद्रयान 2 जल्द ही चंद्रयान 3 के लिए रास्ता तय करेगा. हम फिर उठ खड़े होंगे.''
There’s no science without experiment...sometimes we succeed, sometimes we learn. Salute to the brilliant minds of @isro, we are proud and confident #Chandrayaan2 will make way for #Chandrayaan3 soon. We will rise again.
— Akshay Kumar (@akshaykumar) September 7, 2019
बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी इसरो के वैज्ञानिकों के प्रयास को सलाम किया है और इसरो को अपना गर्व बताया है. ट्वीट में अभिनेता अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता लिखी है. अमिताभ बच्चन ने लिखा, ''गर्व को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता. हमारा गौरव ही हमारी जीत है. इसरो पर गर्व है. तू ना थकेगा कभी, तू ना मुड़ेगा कभी, तू ना थमेगा कभी, कर शपथ कर शपथ कर शपथ. अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ!''
T 3281 - Pride never did face defeat .. our pride , our victory .. Proud of you ISRO तू ना थके गा कभी , तू ना मुड़े गा कभी , तू ना थमे गा कभी कर शपथ कर शपथ कर शपथ अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ pic.twitter.com/oEs0C70LAP
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) September 7, 2019
'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले स्टेशन से टूटा संपर्क
बता दें कि लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया. 'विक्रम' ने 'रफ ब्रेकिंग' और 'फाइन ब्रेकिंग' फेज को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन 'सॉफ्ट लैंडिंग' से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया. इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं. इसरो अध्यक्ष के. सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे.
वहीं, विभिन्न विशेषज्ञों ने कहा कि अभी इस मिशन को असफल नहीं कहा जा सकता. लैंडर से एक बार फिर संपर्क स्थापित हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि अगर लैंडर विफल भी हो जाए तब भी 'चंद्रयान-2' का ऑर्बिटर एकदम सामान्य है और वह चांद की लगातार परिक्रमा कर रहा है.
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