Ram Ki Janambhoomi Film: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने “राम की जन्मभूमि” फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी), इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया.
न्यायमूर्ति एसके गुप्ता और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने हुसैना अख्तर और अन्य लोगों की याचिका पर यह आदेश पारित किया.
इस याचिका में फिल्म के कुछ संवादों और दृश्यों का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह फिल्म अत्यधिक भड़काऊ है और इससे सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है और कानून व्यवस्था खराब होने की आशंका है. साथ ही इससे समाज में धर्मनिरपेक्षता का ताना-बाना खतरे में पड़ सकता है.
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याचिका में दलील दी गई है कि इस फिल्म को प्रदर्शित करने से दो समुदायों के बीच मौजूद शांति और सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ेगा. सीबीएफसी को इस फिल्म को यू/ए का प्रमाण पत्र नहीं देना चाहिए था क्योंकि यह फिल्म मुस्लिम समुदाय की आस्था को चोट पहुंचाती है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म पालन के उनके अधिकारों को भी चोट पहुंचाती है.
याचिका में आगे कहा गया है कि यह फिल्म मुसलमानों की संस्कृति और धार्मिक रीति रिवाजों का भी दुष्प्रचार करती है और मुसलमानों पर व्यंग करती है जिससे मुसलमानों की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचती है. पीठ ने नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा.
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