मुंबई: जाने माने अभिनेता आलोकनाथ के खिलाफ लेखिका विंता नंदा के पिछले महीने रेप का इल्जाम लगाये जाने के बाद आखिरकार ओशिवरा पुलिस ने आलोकनाथ के खिलाफ मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, मगर अब तक आलोकनाथ की तरफ इसपर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. मगर अब आलोकनाथ के वकील अशोक सरावगी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया कि इस एफआईआर को रद्द करने को लेकर वो कल ही मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करेंगे.
अशोक सरावगी से जब एबीपी न्यूज़ ने पूछा कि आखिर किस आधार पर वो दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट से अपील करेंगे, तो उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर तमाम तरह की संभावनाओं पर आधारित है, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है और क्रिमिनल लॉ में किसी भी तरह की कोई संभावना के लिए कोई जगह नहीं होती है.
अशोक सरावगी ने आगे ये भी कहा कि विंता के आरोप लगभग 20 साल पुराने हैं, ऐसे में रेप की पुष्टि के लिए उनकी मेडिकल जांच नहीं की जा सकती है. ऐसे में किस तरह से साबित किया जा सकता है कि उनके साथ रेप हुआ था?
अपनी बात को जारी रखते हुए वकील ने विंता को ही कठघरे में खड़ा करते हुए तल्ख लहजे में कि कहा कि विंता ने खुद ही (फेसबुक) पर लिखा था कि जब उनके साथ रेप की घटना हुई थी, तो (अत्याधिक मात्रा में शराब का सेवन करने के चलते) वो होश में नहीं थीं. वकील ने सवाल करते हुए कहा, "तो फिर ऐसे में उन्हें कैसे पता कि किस शख्स ने उनके साथ क्या किया और उनके साथ रेप हुआ ही था?
बता दें कि आलोकनाथ के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद विनंता नंदा ने बुधवार की दोपहर को एक बयान जारी करते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि आखिरकार एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मुझे मुंबई पुलिस पर भरोसा है. मुझे पता कि जब ये मामला यहां तक पहुंचा गया है, तो मुझे इंसाफ भी जरूर मिलेगा. मुझे देश की न्याय व्यवस्था में पूरा यकीन है."