डॉक्यूमेंट्री विवाद से दूर रहना चाहते हैं अमर्त्य सेन
अमर्त्य सेन पर सुमन घोष द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री 'ऐन आर्गुमेंटेटिव इंडियन' को सेंसर बोर्ड ने बुधवार को फिल्म के अंदर सेन द्वारा इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों के चलते मंजूरी नहीं दी.
कोलकाता : सेंसर बोर्ड द्वारा अपने ऊपर बने डॉक्यूमेंट्री में कुछ शब्दों को लेकर जताई गई आपत्ति पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विश्व विख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने बुधवार को कहा कि फिल्म को मंजूरी न दिए जाने के मामले पर सरकार को अपने साझेदारों से बात करनी चाहिए. अमर्त्य सेन पर सुमन घोष द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री 'ऐन आर्गुमेंटेटिव इंडियन' को सेंसर बोर्ड ने बुधवार को फिल्म के अंदर सेन द्वारा इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों के चलते मंजूरी नहीं दी. इस पर सेन ने कहा, "इस पर मैं क्या कह सकता हूं? फिल्म मैंने नहीं बनाई है. मैं सिर्फ फिल्म का विषय हूं और विषयवस्तु को इन चीजों पर नहीं बोलना चाहिए. जो कहना होगा, फिल्म के निर्देशक सुमन घोष कहेंगे." अमर्त्य सेन पर बनी करीब एक घंटे लंबे डॉक्यूमेंट्री में अमर्त्य सेन द्वारा साक्षात्कार के दौरान कहे गए 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू' और 'हिंदुत्व' जैसे शब्दों पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताई है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म के उन हिस्सों से इन शब्दों को हटाने के लिए कहा है और उसका तर्क है कि इससे 'देश की छवि को नुकसान होगा'. हालांकि फिल्म के निर्देशक घोष फिल्म से एक भी शब्द हटाने के लिए तैयार नहीं हैं. सेन ने कहा, "इस विषय पर मैं विवाद नहीं खड़ा करना चाहता. अगर सरकार को मुझ पर बनी फिल्म को लेकर किसी तरह की आपत्ति है, तो वह संबंधित हितधारकों से बात करे." उन्होंने कहा, "इस विषय पर मेरा कुछ कहना अच्छा नहीं लगेगा." इस डॉक्यूमेंट्री में अमर्त्य सेन को अपने विद्यार्थियों और कोर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक कौशिक बसु के साथ बेतकल्लुफी से बातचीत करते फिल्माया गया है.