बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को आज हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान 'दादा साहेब फाल्के' अवॉर्ड से नवाजे जाने का ऐलान किया गया है. अमिताभ बच्चन को आज बॉलीवुज में पूरे 50 साल पूरे हो चुके हैं और वो पिछले 5 दशकों से हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय के एक बाद एक नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं. लेकिन अमिताभ बच्चन के लिए ये सफर तय कर पाना इतना भी आसान नहीं था. यूं तो अमिताभ बच्चन प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन के बेटे थे लेकिन हिंदी सिनेमा जगत से उनका कोई खास संबंध नहीं था. अपने शुरुआती दौर में उन्हें काफी स्ट्रगल भी करना पड़ा था.
आवाज बनी थी बाधा
आज अमिताभ बच्चन भले ही अपनी दमदार आवाज को लेकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग दम रखते हों लेकिन अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्हें इसी के चलते कई बार रिजेक्शन का मुंह देखना पड़ा था. अमिताभ बच्चन ऑल इंडिया रेडियो में काम करना चाहते थे लेकिन उनकी भारी आवाज के चलते उन्हें दो बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. हालांकि ये बात शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि बाद में अमिताभ बच्चन ने सिने जगत में अपने करियर की शुरुआत वॉयस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर की थी. अमिताभ बच्चन ने साल 1969 में नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म भुवन शोम के लिए अपनी आवाज दी थी. हालांकि अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत उन्होंने फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से की थी.
मरीन ड्राइव पर गुजारी रातें
अमिताभ बच्चन एक इंजिनीयर बनना चाहते थे. उनकी ये ख्वाहिश थी कि वे एक दिन भारतीय वायु सेना में काम करें और देश की सेवा करें. लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हुआ. अमिताभ पहले कोलकाता में काम करते थे लेकिन फिर बाद में वो अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आ गए. अमिताभ का कहना है कि उन्होंने ठान लिया था कि वो किसी कीमत पर घर वापस नहीं जाएंगे. इस स्थिति में शुरुआत में जब इंडस्ट्री में ज्यादा काम नहीं मिल रहा था. अपने स्ट्रगल के दिनों में उन्होंने घर न होने के कारण कुछ रातें मरीन ड्राइव तक पर गुजारीं.
जंजीर ने बनाया स्टार
अमिताभ बच्चन को स्टारडम तक ले जाने वालों में अपने जमाने के मशहूर अभिनेता रहे महमूद का भी हाथ रहा है. महमूद ने अमिताभ की शुरू के दिनों में काफी मदद की थी. जब अमिताभ अपने करियर के शुरुआत में थे और संघर्ष कर रहे थे तब महमूद ने अमिताभ को अपने घर में रहने की इजाजत दी थी.
महमूद ने ही अमिताभ को अपनी फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' का हीरो भी बनाया. फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' में महमूद शत्रुघ्न सिन्हा को विलेन लेना चाहते थे लेकिन शत्रुघ्न ने विलेन के रोल करने बंद कर दिए थे और ये फिल्म साइन करने के बाद उन्होंने छोड़ दी. लेकिन फिर अमिताभ ने उन्हें ये फिल्म करने के लिए राजी किया. अमिताभ की इस फिल्म ने अचाछा काम किया.
इसके बाद फिल्म 'जंजीर' आई और इस फिल्म ने अमिताभ को एक नई पहचान दी. लेकिन बता दें कि 'जंजीर' से पहले अमिताभ की लगातार 12 फिल्में फ्लॉप हुई थी. 'जंजीर' के बाद अमिताभ कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गए और उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना की कुर्सी हिलने लगी. अमिताभ ने शुरुआत दौर में राजेश खन्ना के साथ फिल्म 'आनंद' में काम किया था उस दौरान राजेश खन्ना बहुत बड़े स्टार हुआ करते थे. लेकिन फिर कुछ साल बाद इन दोनों ने फिल्म 'नमक हराम' में साथ किया. फिल्म 'नमक हराम' का जिक्र करते हुए राजेश खन्ना ने एक इंटरव्यू में कहा था ''जब मैंने लिबर्टी सिनेमा में फिल्म 'नमक हराम' का ट्रायल शो देखा...तो मुझे पता लग गया था कि मेरा दौर खत्म हो गया है. मैंने ऋषि दा से कहा था कि ये रहा कल का सुपरस्टार.''
पहली ही मुलाकात में दे बैठे थे जया को दिल
अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया भादुड़ी की पहली मुलाकात पुणे के फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट में हुई थी. दूसरी बार वे ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म 'गुड्डी' के सेट पर मिले. कहा जाता है ऋषिकेश मुखर्जी ने 'गुड्डी' में नायक के तौर पर पहले न सिर्फ अमिताभ बच्चन को चुना था, बल्कि उनके साथ कई सीन भी शूट कर लिए गए थे, लेकिन बाद में अमिताभ को यह कहकर फिल्म से हटा दिया गया कि वह इस भूमिका में 'सूट' नहीं करते. फिल्म से भले ही अमिताभ को बाहर कर दिया गया था लेकिन तब तक जया और अमिताभ की नजदीकियां बढ़ चुकीं थी.
दोनों की दोस्ती और गहरी होती चली गई. इसके बाद अमिताभ की फिल्म 'जंजीर' ने जबरदस्त कामयाबी हालिस की. बिग बी इस फिल्म की कामयाबी का जश्न मनाने के लिए लंदन जाना चाहते थे लेकिन अमिताभ के माता-पिता को इस बात पर ऐतराज था. उन्होंने अमिताभ से कहा कि अगर जया को लंदन लेकर जाना है तो शाद करके लेकर जाओ. बस फिर क्या था.अमिताभ ने झटपट जया से शादी कर ली.
मिल चुके हैं कई बड़े सम्मान
अमिताभ बच्चन को जल्द दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. उन्हें इससे पहले भी कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. जिनमें पद्म विभूषण और पद्मश्री जैसे सम्मानों से नवाजा जा चुका है. अमिताभ बच्चन को साल 1984 में पद्म श्री, साल 2001 में पद्म भूषण और साल 2015 में पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है.
अमिताभ बच्चन करीब 5 दशकों से सिनेमा के जरिए दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं. उन्होंने साल 1969 में फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था. उन्हें बड़े पर्दे पर पहचान साल 1971 में आई फिल्म आनंद से मिली. इस फिल्म में उनके साथ राजेश खन्ना अहम भूमिका में थे.
अपने बेहतरीन अभिनय के लिए अमिताभ बच्चन को चार बार नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है. उन्हें साल 1990 में अपनी फिल्म 'अग्निपथ' के लिए पहली बार बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था. इसके बाद उन्हें साल 2005 में आई फिल्म 'ब्लैक' के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया. साल 2009 में 'पा' और साल 2015 में फिल्म 'पीकू' के लिए भी उन्हें बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया.