देव आनंद-जीतेंद्र ने 'डॉन' की स्क्रिप्ट को किया रिजेक्ट, तो अमिताभ की सलाह पर कर्ज़ में डूबे प्रोड्यूसर ने बनाई थी ये फिल्म
अमिताभ बच्चन ने 'डॉन' में ज़ोरदार अभिनय किया था. उनके एक्शन सीन्स की काफी तारीफ हुई थी. उन्हें उस साल फिल्मफेयर में डॉन, त्रिशूल और मुकद्दर का सिकंदर के लिए बेस्ट अभिनेता के तौर पर तीन नोमिनेशन मिले.
नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म 'डॉन' को रिलीज़ हुए आज 42 साल हो गए हैं. फिल्म 12 मई 1978 को बड़े परदे पर आई और छा गई थी. इस फिल्म को लोग आज भी पसंद करते हैं. गौर करने वाली बात ये है कि ये फिल्म इतनी कामयाब थी कि साल 2006 में शाहरुख खान ने इस फिल्म के सीक्वल में काम किया और वो भी कामयाब रही थी. अमिताभ की 'डॉन' को नरीमन ईरानी ने प्रोड्यूस किया था, लेकिन फिल्म रिलीज़ के पहले ही उनका निधन हो गया था.
अमिताभ बच्चन ने फिल्म के 42 साल पूरे करने पर एक खास ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "डॉन के 42 साल. अच्छाई! कुछ यादें .. नूतन जी के साथ फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर का खिताब जीता. प्रोड्यूसर नरिमन ईरानी, डायरेक्टर चंद्रा बरोट.. फिल्मफेयर सेरेमनी में जया और मैं.. फिल्म रिलीज़ होती, उससे पहले ही नरीमन इरानी को हमने खो दिया. मैंने ये अवॉर्ड उनकी पत्नी को समर्पित किया था."
अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म में ज़ोरदार अभिनय किया था. उनके एक्शन सीन्स की काफी तारीफ हुई थी. उन्हें उस साल फिल्मफेयर में डॉन, त्रिशूल और मुकद्दर का सिकंदर के लिए बेस्ट अभिनेता के तौर पर तीन नोमिनेशन मिले. बाद में 'डॉन' के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का खिताब दिया गया, जबकि नूतन को 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था.
खास बात ये है कि साल 1978 अमिताभ बच्चन के लिए उनके करियर में बेहद कामयाब सालों में से एक रहा. बता दें कि उस साल सिर्फ 22 दिनों के अंदर अमिताभ की चार बड़ी फिल्में आईं, जिसमें से तीन फिल्में सुपरहिट साबित हुईं थीं. हालांकि एक फिल्म ऐसी थी, जिसे लोगों नें नापसंद कर दिया था.
कौन कौन सी फिल्म थी 21 अप्रैल 1978 को अमिताभ की 'कसमें वादे' रिलीज़ हुई. इसके बाद 28 अप्रैल को देवेन शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म 'बेशर्म' रिलीज़ हुई. 5 मई को यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म 'त्रिशूल' ने पड़े परदे पर दस्तक दी और फिर 12 मई को 'डॉन' रिलीज़ हुई.
'डॉन' बनने की कहानी है दिलचस्प 'डॉन' के प्रोड्यूसर नरीमन इरानी एक कैमरामैन थे और लगभग 12 लाख रुपये के कर्ज़ में डूबे थे. उस दौर में 12 लाख रुपये एक बड़ी रकम थी. दरअसल नरीमन ईरानी ने सुनील दत्त के साथ अपनी पहली फिल्म बनाई जिसका नाम 'ज़िंदगी ज़िंदगी' था. ये फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप रही थी. बड़ी आर्थिक मुश्किल में फंसे नरीमन ईरानी को अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान, चंद्रा बरोट और मनोज कुमार ने ये सलाह दी कि उन्हें एक और फिल्म बनानी चाहिए ताकि वो इस मुश्किल से बाहर आ सकें, जो कि 'डॉन' ही थी.
कोई नहीं ले रहा था डॉन की स्क्रिप्ट सलीम-जावेद की जोड़ी ने डॉन लिखी थी, लेकिन उनकी इस कहानी को कोई लेने को तैयार नहीं था. लंबे वक्त तक स्क्रिप्ट नहीं बिकी, बाद में नरीमन ईरानी और चंद्रा बरोट ने इस स्क्रिप्ट को खरीद लिया. बता दें कि जीतेंद्र, देव आनंद और प्रकाश मेहरा डॉन की स्क्रिप्ट को खरीदने से इनकार कर चुके थे. यहां तक कि स्क्रिप्ट का कोई नाम भी नहीं रखा गया था. जब नरीमन ईरानी ने स्क्रिप्ट के लिए सलीम खान को अप्रोच किया तो उन्होंने कहा था, "हमारे पास एक ब्रेकफास्ट स्क्रिप्ट पड़ी है, जो कोई नहीं ले रहा है." इस पर नरीमन ने कहा, "चलेगा."
देव आनंद की फिल्म के लिए लिखा गया था 'खाइके पान बनारसवाला' ये बात शायद ही आपको पता हो कि 'खाइके पान बनारसवाला' गाना देव आनंद की साल 1973 में आई फिल्म 'बनारसी बाबू' के लिए लिखा गया था. ये तब शूट किया गया जब फिल्म पूरी हो चुकी थी. इस गाने को इंटरमिशन के बाद रखा गया, ताकि इस एक्शन पैक्ड फिल्म को थोड़ा बैलेंस किया जा सके.