अमिताभ बच्चन की मां तेजी ने ऐसे किया था Harivansh Rai Bachchan को प्रपोज, बाद में यहीं से निकला था सुपरहिट सॉन्ग, जो आज भी लोगों को है याद
Harivansh Rai Bachchan And Teji love Story: हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन की लव स्टोरी काफी दिलचस्प है. दोनों का प्यार उन लाइनों से शुरू हुआ था जो आज एक सुपरहिट सॉन्ग के रूप में जाना जाता है.

Harivansh Rai Bachchan And Teji love Story: इन दिनों सॉन्ग 'झुमका गिरा रे' लोगों के दिलों में एक अलग जगह बनाए हुए है. इसका लेटेस्ट वर्जन हो या पुराना, हर दिल में दोनों के लिए एक खास जगह है जो आम से लेकर खास तक हर किसी को बेहद पसंद है. इस गाने का रियल वर्जन 1966 में आई फिल्म 'मेरा साया' से लिया गया था जो साधना और सुनील दत्त पर फिल्माया गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं ये गाना आया कहां से? अगर नहीं तो इसकी स्टोरी सुन शायद आप भी चौंक जाएं. ये गाना उन दिनों का है जब हरिवंश राय बच्चन यूहीं कुछ लाइनें पड़ रहे थे और तेजी बच्चन उन्हें दिल दे बैठी थीं.
तेजी बच्चन से हरिवंश राय बच्चन की हुई थी दूसरी शादी
बता दें कि हरिवंश राय बच्चन की पहली शादी श्यामा बच्चन से हुई थी, जिनका 1936 में निधन हो गया. 1941 में हरिवंश राय बच्चन की मुलाकात तेजी सूरी से बरेली में हुई. वो प्रोफेसर ज्योति प्रकाश के घर पर एक चाय पार्टी में शामिल होने के लिए गए थे. यहीं पर दोनों की नजरें मिलीं और दोनों को एक-दूसरे के प्रति एक अलग जुड़ाव महसूस हुआ.
हरिवंशराय बच्चन की एक कविता ने जीत लिया तेजी का दिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस चाय पार्टी में हरिवंश राय बच्चन ने एक कविता पढ़ी. जिसके कुछ शब्द उनके पास बैठी तेजी के दिल में गहराई से उतर गए और उनकी आंखों से आंसू छलक गए. बस यहीं दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे.
फिर कुछ समय बाद ऐसे ही एक कार्यक्रम ने शायराना अंदाज में राजा मेंहदी साहब से कहा, 'मेरा झुमका तो बरेली में ही गिर गया था'. दरअसल ये वही शब्द थे जो तेजी ने हरिवंश राय बच्चन से सुने थे.
तेजी के शब्द बन गया पॉपुलर सॉन्ग
तेजी ने इस कार्यक्रम में ये शब्द बोल जिस तरह हरिवंश राय बच्चन से अपने प्यार का इजहार किया था उसने राजा मेंहदी साहब के दिल पर गहरी छाप छोड़ी थी. जिसके सालों बाद 1966 में राजा मेहंदी साहब ने इन्हीं शब्दों पर पूरा गीत 'झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में..' की रचना कर डाली. जिसे आशा भोसले ने गया था और मदन मोहन ने इसका संगीत दिया था. ये सॉन्ग लोगों को इतना पसंद आया कि इसकी ये लाइन आज भी लोगों के दिलों में बसी है.
1942 में एक-दूसरे के हो गए थे तेजी और हरिवंश राय बच्चन
तेजी और हरिवंश राय बच्चन ने 1942 में शादी की थी. इस शादी के भी बड़े चर्चे हुए. दरअसल समाज उस समय लव मैरिज का समर्थन नहीं करता था. वहीं दोनों की शादी में 800 रुपए खर्च हुए थे. जो उस समय के हिसाब से काफी ज्यादा हुआ करते थे.
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