नई दिल्ली: बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड के एंग्री यंगमैन से शहंशाह तक बनने का सफर तय किया है. वह इस सदी के सितारे करार दिए जा चुके हैं. सिनेमा में कई दशक बिताने के बाद सिनेमा के दिग्गज अभिनेता का कहना है कि पर्दे पर उनका व्यक्तित्व उनकी बढ़ती उम्र के कारण उनकी भूमिकाओं में बदलाव का प्रतिबिंब है.

अमिताभ 74 साल के हो चुके हैं लेकिन अभी भी उनके पास कई दिलचस्प ऑफर आ रहे हैं, लेकिन समय की कमी के कारण वह स्वीकार करने में असमर्थ हैं. साल 2017 के अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने अपनी फिल्मों, इच्छाओं और किस तरह उम्र फिल्मों को चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इस संबध में उन्होंने बात की है. इस साल वह फिल्म 'आंखें-2' और 'सरकार-3' में नजर आएंगे.

अमिताभ ने ईमेल के जरिए दिए इंटरव्यू में बताया, "फिल्म के चयन की प्रक्रिया वहीं है, लेकिन काम का प्रस्ताव मिलने और उसे स्वीकार करने की प्रकृति में बदलाव आया है. बदलाव प्रक्रिया में नहीं, बल्कि उम्र में आया है. जो काम मेरे पास आता है वह मेरी उम्र के अनुरूप है."

पद्म विभूषण से सम्मानित अमिताभ के लिए उन्हें काम देने वाले निर्माता-निर्देशकों की संतुष्टि काफी अहमियत रखती है. वह अपना बेस्ट काम करने की कोशिश करते हैं. फिल्म 'दीवार', 'जंजीर', 'डॉन' 'शोले' में एंग्री यंगमैन की भूमिका निभाने वाले अमिताभ ने जहां 'पा' में 12 साल के मासूम बच्चे ऑरो का किरदार निभाया, वहीं 'पीकू' में बंगाली पिता का किरदार निभाकर उन्होंने अलग छाप छोड़ी.

हेपेटाइटिस-बी वायरस के कारण सिर्फ 25 प्रतिशत लिवर पर निर्भर अमिताभ अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हैं. वह नियमित रूप से जिम जाते हैं. अमिताभ किसी संकल्प को लेने और पूरा करने के लिए नए साल का इंतजार करने की बजाय उसे फौरन करने में यकीन रखते हैं.

पिछले साल फिल्म 'पिंक' में बेहतरीन भूमिका निभाने के लिए फिल्म समीक्षकों ने अमिताभ की जमकर तारीफ की थी. अभिनेता आगे भी सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों में काम करना चाहते हैं.

अपनी आगामी फिल्मों के बारे में बात करते हुए अमिताभ ने कहा कि 'आंखें-2' पिछली फिल्म 'आंखें' का सीक्वल है और इसकी कहानी वहीं से शुरू होती है जहां से छूटा था. 'सरकार-3' की शूटिंग पहले ही पूरी हो चुकी है और इस  फिल्म के 17 मार्च तक रिलीज होने की उम्मीद है.