नई दिल्ली: महानायक अमिताभ बच्चन इन दिनों अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की लेखनी को सहेजे रखने को लेकर थोड़ा परेशान नजर आ रहे हैं. अपनी इस परेशानी का जिक्र अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में किया है. बिग ने अपने ब्लॉग में मरणोप्रांत कॉपी राइट एक्ट 1957 पर कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं.


बिग ने ब्लॉग में लिखा, ''रिटर्न कॉपी राइट और जो कुछ भी इसके दायरे में आता है. वो केवल किसी के गुजर जाने के 60 साल बाद तक ही अधिकार में रहता है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये केवल 60 साल ही क्यों रहता है 61 साल क्यों नहीं? या फिर उनके उत्तराधिकारियों के पास हमेशा के लिए क्यों नहीं रहता? प्राकृतिक रूप से ये आने वाले वंशों के पास उत्तराधिकार की तरह क्यों नहीं जाता? मरणोप्रांत अपने आप में 60 सालों के बाद निजी उत्तराधिकार खत्म हो जाता है और सार्वजनिक हो जाता है..''





बिग बी ने अपने ब्लॉग में लिखा, ''किसने इस बौद्धिक वैधता को मान्यता दी और किस संदर्भ में? मुझे लगता है 1957 में इसकी शुरुआत हुई या इसी के आसपास... मुझे इस पर गुस्सा आ रहा है. तो आखिर में पिता के प्राकृतिक उत्तराधिकारी के पास 60 साल बाद कुछ नहीं होगा, कॉपी राइट के चलते उसके सारे अधिकार खत्म हो जाएंगे. पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन की चीजों, डोमेन और कुछ खास चीजों पर अचानक पूरे ब्रह्मांड का अधिकार हो जाएगा. ''


आपको बता दें हिंदी भाषा के प्रतिष्ठित कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन का साल 2003 में निधन हो गया था. मधुशाला, अग्निपथ, रुके ना तू और हिम्मत करने वाले की कभी हार नहीं होती जैसी कुछ फेमस रचनाएं हैं. अब अमिताभ बच्चन को अपने पिता की इन्हीं प्रतिष्ठित लेखनी व कविताओं की धरोहर को सहेजकर रखना चाहते हैं. जिसे लेकर पहले से मौजूद कॉपी राइट एक्ट को लेकर उनका गुस्सा फूटा है. यहां पढ़ें बिग बी का पूरा ब्लॉग