Amitabh Bachchan Journey To Bollywood: कड़ी मेहनत और संघर्ष से लिखी जाती है एक महानायक की कहानी. कुछ इस तरह से ही है बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन की कहानी. अमिताभ बच्चन इंडस्ट्री का वो नाम है जिसे किसी भी पहचान की जरूरत नहीं है. वह खुद में ‘वन मैन इंडस्ट्री’ हैं. आज अमिताभ बॉलीवुड के शहंशाह है लेकिन एक समय ऐसा भी था जब इस शहंशाह को भी अपनी माथे की लकीरों को बनाने के लिए पत्थरीले रास्तों से होकर गुजरना पड़ा था.
किस्मत
किस्मत बनती नहीं है जनाब किस्मत बनाई जाती है. कुछ ही ऐसे खुशनसीब लोग होते है जिन्हें बिना किसी मेहनत के सबकुछ हासिल हो जाता है लेकिन अमिताभ की किस्मत में तो लिखी थी खूब सारी मेहनत और सालों का तप.
जब सुनने पड़े ताने
अमिताभ के बारें में दो ऐसी बातें है जिसकी वजह से कभी उन्हें सुनने पड़े थे ताने. पहली उनकी आवाज और दूसरी उनकी लंबाई. मगर आज उनकी आवाज उनकी यूएसपी बन चुकी है और लंबाई उनकी पर्सनालिटी का अहम हिस्सा है. उनकी पर्सनालिटी पर करोड़ों लोग के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज भी फिदा है.
जब खानी पड़ी थीं ठोकरे
जिस अमिताभ बच्चन को आज दुनिया सलाम करती है, एक समय ऐसा भी था जब उन्हें खानी पड़ी थी दर-दर की ठोकरे लेकिन आज वह बन चुके है करोड़ों लोगों की पहली पसंद. यहां तक की बड़े-बड़े स्टार्स भी उनको अपना आइडल मानते है.
जब खाने पड़े धक्के
ये जर्नी है अमिताभ बच्चन के संघर्ष की अनसुनी कहानी. जब पहली बार अमिताभ ने फिल्म इंडस्ट्री की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया तब उन्हें जबरदस्त तानों का सामना करना पड़ा था. शुरूआत में अमिताभ को भी फिल्म इंडस्ट्री में काम तो दूर की बात है उन्हें कोई हीरो के लायक ही नहीं मानता था. जब वह निर्माता-निर्देशकों के ऑफिस के चक्कर काटते थे तो उन्हें यही ताने बार-बार सुनने को मिलते थे कि वह ऊंट की तरह लंबे है तो किसी ने कहा कि कहां से ये दुबला पतला लड़का आ गया एक्टर बनने. वह धक्के खाते गए और उन्हें किसी ने भी तवज्जों नहीं दी.
जब आवाज़ की वजह से मिला रिजेक्शन
अमिताभ बच्चन की यूएसपी यानी की उनकी आवाज़ जिस पर दुनिया फिदा है. कभी एक वक्त ऐसा भी था जब अमिताभ को अपनी आवाज के लिए रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. अमिताभ को रेडियो स्टेशन ने दो बार सिर्फ उनकी मोटी आवाज की वजह से रिजेक्ट कर दिया था.
जब सोना पड़ा बेंच पर
आज भले ही बिग बी आलिशान घर में रह रहे है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें कई रातें मरीन ड्राइव की बेंच पर गुजारनी पड़ी थी लेकिन अमिताभ बच्चन हालात से खूब लड़े और उनकी मेहनत रंग लाई. उन्हें फिल्मों में काम मिलने लगा और वह पूरे जी जान से मेहनत भी कर रहे थे लेकिन अफसोस की बात की अमिताभ के शुरुआत की 12 फिल्में लगातार बॉक्सऑफस पर पिट गईं थी.
जब मिला फिल्म जंजीर का ऑफर
अमिताभ बच्चन को पूरा यकीन हो चला था कि उनकी मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएंगी इसलिए अमिताभ ने हार नहीं मानी और उसका नतीजा ये हुआ कि उनकी 12 फिल्में पिटने के बाद उन्हें सक्सेस हाथ लगी. उनकी लगातार 12 फिल्में फ्लॉप होने के बाद उनकी लाइफ में भी वह सुनहरा मौका आया जिसका उन्हें इंतजार था. उन्हीं 12 फिल्मों में से उनकी एक फिल्म जंजीर सुपरहिट गई. फिल्म जंजीर थी जिसने अमिताभ बच्चन की बदकिस्मती को खुशकिस्मती में बदल दिया. अमिताभ को इस फिल्म का ऑफर सबसे आखिर में मिला था. अमिताभ से पहले यह फिल्म कई बड़े अभिनाताओं को ऑफर की जा चुकी थी लेकिन उन सभी ने इस फिल्म को करने से साफ इंकार कर दिया. इस फिल्म का ऑफर सबसे पहले बॉलीवुड एक्टर राजकुमार को मिला था लेकिन उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया था कि डायरेक्टर के बालों से तेल की महक आती है.
जब मिली सक्सेस
उनकी फिल्म जंजीर ब्लॉकबस्टर साबित हुई और कुछ इस तरह से फिल्म इंडस्ट्री को मिला उसका ‘एंग्री यंग मैन’. उनकी पहली ही फिल्म में उन्हें एंग्री यंग मैन का खिताब मिल चुका था. यह कामयाबी का सिलसिला यू ही चलता रहा. अमिताभ ने कई हिट फिल्में दी जैसे कि शोले (Sholay), सात हिंदुस्तानी(Saat Hindustani), आनंद(Anand), अभिमान (Abhiman), सौदागर (Saudagar), चुपके-चुपके (Chupke-Chupke), दीवार (Deewar), कभी कभी (Kabhie Kabhie), अमर अकबर एंथनी (Amar Akbar Anthony), त्रिशूल (Trishul), डॉन (Don), मुकद्दर का सिकंदर (Mukaddar ka sikandar), मि. नटरवरलाल (Mr.Natwarlal), लावारिस (Laawaris), सिलसिला (Silsila), कालिया (Kalia), सत्ते पे सत्ता (Satte Pe Satta), नमक हलाल (Namak Hallal), कुली (Coolie), शराबी (Sharabi), शहंशाह (Shehanshah), अग्निपथ (Agnipath), खुदा गवाह (Khuda Gawah). इन सभी फिल्मों ने अमिताभ को सदी का महानायक बनाया.
जब उन्हें मिले अवॉर्ड
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर अमिताभ बच्चन को लगभग 3 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके है. इसके अलावा अबतक उन्हें 14 से ज्यादा बार फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके है. अमिताभ बच्चन एक नायक होने के साथ-साथ बेहतरीन सिंगर भी है. फिल्म इंडस्ट्री में उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से भी नवाजा गया.
जब लिखीं गई उनके ऊपर किताब
अमिताभ बच्चन के ऊपर कई किताबें भी लिखी जा चुकी है. जिनमें शामिल है 1999 में लिखी गई किताब अमिताभ बच्चन द लीजेंड(Amitabh Bachchan: the Legend ), 2004 में टू बी ऑर नॉट टू बी (To be or not to be: Amitabh Bachchan), 2006 में द लीजेंड (ए फोटोग्राफर्स ट्रिब्यूट) (AB: The Legend (A Photographer's Tribute), 2006 में अमिताभ बच्चन : एक जीवित किंवदंती (Amitabh Bachchan: Ek Jeevit Kimvadanti), 2006 में द मेकिंग ऑफ ए सुपरस्टार (Amitabh: The Making of a Superstar), द लुकिंग फॉर द बिग बी (Looking for the Big B: Bollywood), 2007 में बच्चन एंड मी और (Bachchan and Me) 2009 में बच्चनालिया (Bachchanalia).
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