Amitabh Bachchan In Politics: हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) 11 अक्टूबर यानी आज अपना 80वां जन्मदिन मना रहे हैं. अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम हैं, जो 5 दशक से ज्यादा समय से दर्शकों के दिलों पर राज करते आ रहे हैं. बिग बी के बर्थडे के मौके पर तमाम फिल्म हस्तियां उन्हें सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं दे रही हैं. ऐसे में अमिताभ बच्चन के जन्मदिन के दौरान हम आपको बताने जा रहे हैं, जब बिग बी ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ राजनीति का रुख किया था.
राजनीति में भी शहंशाह रहे हैं बिग बी
साल 1984 में अमिताभ बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री से ब्रेक लिया. उस दौरान अमिताभ बच्चन ने अपने खास दोस्त और दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समर्थन में राजनीति में प्रवेश किया. राजनीति में एंट्री लेने के बाद अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. जिसमें बिग बी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यंत्री रहे एचएन बहुगुणा को 68.2 प्रतिशत वोटों से करारी मात दी थी.लेकिन राजनीति के गलियारे में अमिताभ बच्चन की पारी ज्यादा लंबी नहीं और बोफोर्स घोटाले विवाद के चलते 1987 में अमिताभ ने एक सांसद और राजनेता के पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि अमिताभ बच्चन ने ये भी बताया था कि वह पहले ही राजनीति से दूरी बनाना चाहते थे.
इस वजह से छोड़ी राजनीति
राजनेता और सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने 1998 में टॉक शो रेंडीजवस विद सिमी गरेवाल के दौरान बताया था कि- मैं कभी भी एक राजनेता नहीं था. राजनीति में एंट्री लेना मेरा एक भावनात्मक फैसला था. दरअसल राजीव गांधी और हमारा परिवार एक दूसरे को बखूबी जानता था. सालों तक दोनों परिवार के बीच दोस्ताना रहा.जिसने मुझे एक दोस्त के साथ खड़े होने के लिए प्रेरित किया.यही मेरी भावना थी, जो मुझे राजनीति के क्षेत्र तक ले गई. लेकिन राजनीति भावनाओं के बारे में नहीं है. मैं एक नौसिखया था और इसके योग्य नहीं था. मैं इसमें असहज मसहूस कर रहा था. ऐसे में महज 3 साल बाद अमिताभ बच्चन ने राजनीति को छोड़ दिया था.
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