Amitabh Bachchan के इस 1 डायलॉग में ही छिपी है फिल्म Pink की पूरी कहानी- 'न का मतलब न होता है'
Amitabh Bachchan Pink Movie: सहमति और उत्पीड़न पर बनी फिल्मों में पिंक को हमेशा एक अलग मुकाम हासिल होगा. इस फिल्म में जिस तरह से कहानी कही गई, वो काबिले तारीफ है.
Pink Movie: 'नो.. नो यॉर ऑनर, न सिर्फ एक शब्द नहीं, अपने आप में एक पूरा वाक्य है यॉर ऑनर... इसे किसी तर्क, स्पष्टीकरण, एक्सप्लेनशन या व्याख्या की जरूरत नहीं होती, न का मतलब न ही होता है, माई क्लाइंट सैड नो यॉर ऑनर, एंड दीज़ ब्वॉयज़ मस्ट रियलाइज, No का मतलब No होता है. उसे बोलने वाली लड़की कोई परिचित हो, फ्रेंड हो, गर्लफ्रेंड हो, कोई सेक्स वर्कर हो या आपकी अपनी बीवी ही क्यों न हो... No means No... एंड When समवन सेस सो.... यू स्टॉप." फिल्म पिंक में अमिताभ बच्चन द्वारा कहे गए ये संवाद ही इसकी कहानी को बयां करते हैं. फिल्म किस विषय पर बनी है इन लाइनों को पढ़कर कोई भी आसानी से इसे समझ सकता है. ये फिल्म किसी रिश्ते में कंसेंट यानी सहमति या मंज़ूरी की अहमियत को दिखाती है.
क्या है कहानी?
अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू अभिनीत पिंक तीन वर्किंग लड़कियों मीनल, फलक और एंड्रिया की कहानी है. ये लड़कियां दिल्ली में एक अलग फ्लैट लेकर अपनी ज़िन्दगी को अपने तरीके से जी रही होती हैं. इसी बीच उनकी मुलाकात कुछ लड़कों से होती है और लड़के लड़कियों की फ़्रैंकनेस का कुछ और ही मतलब निकाल लेते हैं. इसी बीच एक हादसा होता है और मीनल उनमें से एक के सर पर शराब की बोतल मार देती है. इसके बाद शुरू होता है कोर्ट में खुद को बेगुनाह साबित करना का सफर.
फिल्म के कुछ सीन इस सभ्य समाज की कड़वी सच्चाई को दिखाते हैं. एक सीन में पीयूष मिश्रा का एंड्रिया से यह पूछना कि क्या वह नॉर्थ ईस्ट से है. इसके अलावा फलक से जानबूझकर ऐसे सवाल कर टॉर्चर कर इस बात के लिए मजबूर कर देना कि वो कोई आम वर्किंग लड़की नहीं बल्कि एक प्रास्ट्यूट है. फिल्म में कई ऐसे सीन है, जो आपको झकझोर कर रख देंगे.
फिल्म का निर्देशन अनिरुद्ध राय चौधरी ने किया था. फिल्म में अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू के अलावा कीर्ति कुल्हारी, एंड्रिया तारियंग, अंगद बेदीस पीयूष मिश्रा और विजय वर्मा जैसे मंझे हुए कलाकार हैं. ये 16 सितंबर 2016 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी.
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