Amrish Puri: जब भी बात हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन और खूंखार विलेन की होती है तो सबसे पहले जेहन में नाम आता है दिग्गज और दिवंगत एक्टर अमरीश पुरी का. अमरीश पुरी साहब के जैसे दूसरा विलेन बॉलीवुड के इतिहास में और कोई नहीं हुआ. 


अमरीश पुरी अपनी मौजूदगी से हीरो तक के होश उड़ा दिया करते थे. अमरीश पुरी साहब अपनी लंबी चौड़ी कद-काठी, रौबदार आवाज और गजब की अदाकारी से हर किसी का दिल जीत लिया करते थे. हालांकि अमरीश पुरी को अपनी मौत का एहसास पहले ही हो गया था. उनके बेटे राजीव पुरी ने एक इंटरव्यू के दौरान पिता के आखिर दिनों की दास्तां सुनाई थी.


अमरीश पुरी को हो गई थी खून की बीमारी




राजीव पुरी ने फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में पिता अमरीश पुरी को लेकर कहा था कि, '2003 में गुड्डू धनोआ की फिल्म 'जाल: द ट्रैप' की शूटिंग हिमाचल प्रदेश में शूटिंग चल रही थी. वहीं पर पापा अमरीश पुरी का एक्सीडेंट हुआ था. उन्हें काफी गंभीर चोटें आई थीं. चेहरे और आंख पर बहुत चोट थी और काफी खून भी बह गया था. तुरंत ही पापा को हॉस्पिटल ले जाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें खून की जरूरत है. खून चढ़ाया गया, लेकिन उसी दौरान कुछ गड़बड़ हो गई क्योंकि इसके बाद पापा को खून से जुड़ी बीमारी मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम हो गया.'


अमरीश पुरी को हो गया था मौत का आभास


अमरीश पुरी को इस घटना के बाद अपनी मौत का आभास हो गया था. राजीव के मुताबिक धीरे-धीरे पिता को खून की कमी बनने लगी थी. राजीव ने कहा कि, 'पापा बुरी तरह घबरा गए थे. लेकिन वह दृढ़ इच्छा शक्ति वाले थे. वह दुनिया को दिखाना चाहते थे कि कितने स्ट्रॉन्ग हैं. पापा अच्छी तरह जानते थे कि 72 साल की उम्र के पड़ाव पर अब उनके शरीर में सबकुछ ठीक नहीं हो सकता. पापा का कहना था कि जो होना होगा, वो होगा.'


अमरीश पुरी ने बीमारी में भी कर ली थी कई फिल्मों की शूटिंग


अमरीश के पास आखिरी दिनों तक 'कच्ची सड़क', 'मुझसे शादी करोगी', 'हलचल' और 'एतराज' जैसी फिल्में थी. राजीव के मुताबिक बीमारी में भी उनके पिता ने साल 2004 तक अपनी इन फिल्मों की शूटिंग पूरी कर ली थी. बाद में अमरीश पुरी साहब को ब्रेन हेमरेज हो गया था. इसके बाद उनका साल 2005 में निधन हो गया था.


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