Amrish Puri: फिल्म गदर के ‘अशरफ अली’ हों, करण अर्जुन के ‘ठाकुर’ या फिर मिस्टर इंडिया मोगैंबो हों, दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी (Amrish Puri) ने अपने करियर में ऐसे कई दमदार किरदार दिए हैं. इस किरदारों के लिए उन्हें चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता है. जब कभी भी फिल्मों के खलनायकों की गिनती होगी तो उसमें अमरीश पुरी का नाम सबसे पहले लिखा जाएगा. क्योंकि इन्होंने अपने करियर में एक से बढ़ एक ऐसे विलेन के दमदार किरदार निभाए हैं कि उन्हें सुपर विलेन कहा जाता है. हालांकि आपको बता दें, अमरीश पुरी कभी विलेन बनना ही नहीं चाहते थे.


विलेन नहीं बनना चाहते थे अमरीश पुरी


फिल्मों मे काम करने का सपना लेकर जब भी कोई शख्स मुंबई आता है तो उसकी बस एक ही चाहत होती है ‘हीरो बनना.’ हर किसी की तरह अमरीश पुरी भी इसी चाहत के साथ सपनों की नगरी में आए थे, लेकिन उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका और वो विलेन बन गए.


हीरो की तरह नहीं लगता है तुम्हारा चेहरा


मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा बताया जाता है कि अमरीश पुरी (Amrish Puri) से पहले उनके दो बड़े भाई मदन पुरी और चमन पुरी फिल्मों में काम करते थे. इन दोनों के कारण ही अमरीश पुरी को शुरूआती दिनों में छोट छोटे रोल मिलने लगे थे. हालांकि उनके दिल में हीरो बनने का सपना सजा हुआ था.


कहा जाता है कि अब जब वो मेकर्स के पास हीरो का रोल मांगने जाते थे तो उनको देखते ही फिल्म निर्माता कहते थे कि ‘तुम्हारा चेहरा हीरो जैसा नहीं लगता है’. इस बात से अमीरश पुरी (Amrish Puri) काफी मायूस हो जाते थे. हालांकि फिर बाद में हीरो तो नहीं लेकिन उन्हें विलेन के रोल मिलने शुरू हो गए, जिसको उन्होंने इस तरह बखूबी निभाया कि वो फिर एक बड़े एक खलनायक के तौर पर मशहूर हुए.


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