नई दिल्ली: समीक्षकों की सराहना हासिल करने और बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट फिल्में देने वाले वरुण धवन का मानना है कि अभिनेताओं को अपने अंदर छुपे कलाकारों को संतुष्ट करने के लिए काम करना चाहिए. ‘हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया‘, ‘बद्री की दुल्हनिया’, ‘बदलापुर‘, ‘जुड़वा2’ और ‘अक्टूबर’ जैसी अलग-अलग तरह की फिल्में कर चुके अभिनेता बड़ी चमकदार फिल्मों और जमीन से जुड़ी फिल्मों में सामंजस्य बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनका मानना है कि कहानी कहने की कला को बांटना अनुचित है.


वरुण ने कहा, ‘‘ कला को सीमित करना उचित नहीं है. यह फिल्म उद्योग है लेकिन एक अभिनेता के तौर पर हमें हर समय उद्योग पर ध्यान नहीं केंद्रित करना चाहिए. हमें कला पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि अंतत: हम यहां केवल व्यापार करने के लिए नहीं हैं. एक कलाकार के तौर पर, यह सब कुछ बिल्कुल अलग है.’’



अभिनेता ने कहा कि उन्हें पता है कि उनकी अधिकतर फिल्मों ने अच्छा मुनाफा कमाया है लेकिन वह उन फिल्मों में पैसों की तुलना में कला के लिए अधिक थे. उन्होंने कहा कि कई बार आपको ऐसी फिल्में करनी पड़ती हैं. आप अलग-अलग तरह का काम कर खुद को निखारने की कोशिश करते हैं.

वरुण की आने वाली फिल्म ‘सुई धागा : मेड इन इंडिया’ में वह एक आम आदमी का किरदार निभा रहे हैं. उनके किरदार का नाम मौजी है जो स्व रोजगार करने के लिए संघर्ष करता है. फिल्म में उनके साथ अनुष्का शर्मा भी मुख्य किरदार में हैं. ‘सुई धागा : मेड इन इंडिया’ इस शुक्रवार (28 सितंबर) को बड़े पर्दे पर रिलीज होगी.