अजमान/ संयुक्त अरब अमीरात: कैमरे की चकाचौंध और भारत में अपने लाखों प्रशंसकों की नजरों से दूर बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का पार्थिव शरीर जब संयुक्त अरब अमीरात के एक साधारण से शवगृह में रखा हुआ था तब उसे स्वदेश भेजने में एक हमवतन ही मददगार के तौर पर सामने आया. दुबई में मौजूद अशरफ शेरी थामारासरी भारत के केरल के रहने वाले हैं जो यहां अमीरात में मरने वाले लोगों को स्वदेश भेजने में मदद करते हैं.
थामारासरी ने कर्ज के तले डूबे श्रमिकों से लेकर अमीरों तक 4700 शवों को विश्व के 38 देशों तक भेजने में मदद की है. वह इसे उन लोगों के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हैं जिन्हें अपना घर छोड़कर इस रेगिस्तानी देश में रहना पड़ता है.
उनका कहना है कि मैं यह सब दुआ हासिल करने के लिए करता हैं लेकिन इसलिए भी करता हूं कि जब यहां किसी की मौत होती है तो लोगों को स्वदेश भेजने की प्रक्रिया के बारे में ठीक से नहीं पता होता है. उसी तरह उन्होंने श्रीदेवी के शरीर को भी स्वदेश भेजने में मदद को अपने कर्तव्य के तौर पर निभाया.