Sunny Deol Gadar Controversy: सनी देओल की ब्लॉकबस्टर फिल्म गदर का सीक्वल लगभग 2 दशक के बाद सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रहा है. इसमें एक बार फिर सनी देओल तारा सिंह बनकर पाकिस्तान जाएंगे. हालांकि, बहुत कम लोगों को पता है कि साल 2001 में रिलीज हुई 'गदर' का अपना एक इतिहास है. इसे लेकर जमकर बवाल हुआ था. हालत ये हो गई थी कि थिएटर्स के बाहर पुलिस फोर्स को तैनात करना पड़ गया था. फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने खुद 'गदर' से जुड़े विवादों के बारे में बताया है.
सोशल मीडिया पर हो रही बातें
आज तक के साथ बातचीत में अनिल शर्मा से पूछा गया कि आजकल सोशल मीडिया पर बॉयकॉट ट्रेंड चल रहा है. लोग कुछ भी इंसेंसेटिव देखते हैं, तो उसे खारिज कर देते हैं. इसके जवाब में अनिल शर्मा ने बताया कि पहले और अभी के समय में कोई बदलाव नहीं आया है. लोग पहले इंटॉलरेंट थे और वैसे आज भी हैं लेकिन फर्क ये है कि इस तरह की बातें चाय की टपरी पर हुआ करती थीं लेकिन आज सोशल मीडिया पर हो रही हैं.
थिएटर्स में लगाई गई थी आग
आजकल लोग धर्म को लेकर बहुत सेंसेटिव हो गए हैं. इस पर अनिल शर्मा ने कहा, 'देखिए लोगों को अपनी बात कहने का अधिकार है. गदर की रिलीज के दौरान भी ऐसा हुआ था. कई थिएटर्स में आग लग दी गई थी. बहुत ज्यादा हंगामा हुआ था. मुझे याद है कि हैदराबाद, भोपाल और कई जगहों के थिएटर्स में आग लगाई गई थी'.
फिल्म को कहा गया था एंटी-मुस्लिम
उन्होंने आगे बताया कि लंदन के थिएटर्स में बीयर की बोतलें चल गई थीं. इसके बाद ही कहा गया था कि थिएटर्स में कांच की बोतलें नहीं प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल होगा. हालांकि, कुछ दिनों बाद सब शांत हो गया था. कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी थी कि फिल्म में सब एंटी-मुस्लिम है, लेकिन जब लोगों ने फिल्म ने देखी तो पता चला कि ऐसा कुछ नहीं है. हमने किसी धर्म और देश के खिलाफ कभी कोई फिल्म बनाई ही नहीं.
पुलिस की तैनाती में लोगों ने देखी फिल्म
अनिल शर्मा ने बताया कि 'गदर' की रिलीज के बाद थिएटर्स के बाद पुलिस के 50 लोग तैनात रहते थे. 24 घंटे फिल्म चलती थी. रोज 8 शो होते थे. हर 6 घंटे में पुलिस की ड्यूटी बदलती थी. रिलीज के बाद साढ़े पांच करोड़ ऑडियंस फिल्म देखने के लिए पहुंची थी. गदर फिल्म ने एक इतिहास रच दिया था. बताते चलें कि 'गदर 2' 11 अगस्त, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी.