चित्रकार जतिन दास के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है और इस कड़ी में गुरूवार को चौथी महिला ने दावा कि किया कि चित्रकार ने ‘‘1999 या 2000’’ में उसका शोषण किया जब वह उनके सहायक के तौर पर उनके साथ काम कर रही थी.


जतिन दास ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनका इनसे कुछ लेना देना नहीं है. भारत में चल रहे मीटू अभियान के तहत कागज बनाने वाली एक कंपनी की सह संस्थापक निशा बोरा ने सबसे पहले 16 अक्टूबर को उनके खिलाफ आरोप लगाए थे. बोरा ने दावा किया कि दास ने 14 साल पहले अपने स्टूडियो में उनसे छेड़छाड़ की.


मीटू कार्यकर्ता संध्या मेनन द्वारा गुरूवार को साझा की गई एक पोस्ट में मालविका कुंडू ने आरोप लगाया कि जब वह 18 वर्ष की थीं तो दास ने उनसे दुर्व्यवहार किया था. जतिन दास ने कहा, ‘‘यह बेहद अभद्र है. मैं नहीं जानता कि वो लोग वहां क्या करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है. मैं नहीं जानता कि और क्या कह सकता हूं.’’


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कुंडू ने आरोप लगाया कि दास ‘‘अनावश्यक रूप से’’ उसे छू रहे थे और लगातर उसे ‘‘बेबी’’ कह रहे थे . वह भी तब जब वह उन्हें ऐसा करने के लिये मना कर रही थी. जब वह उनके लिये काम करती थीं तो वह उसके ‘‘बेहद करीब’’ खड़े होते थे.


उन्होंने लिखा कि यह सबकुछ नौकरी के पहले ही दिन उनके (दास के) घर पर हुआ, जिसमें उनके किताबों के संग्रह को सूचीबद्ध करने की जरूरत थी. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे इतना असहज कर दिया कि मैं इस नौकरी में बिताए गए तीन दिनों से नफरत करने लगी. कहने के बाद भी उनका मुझे बेबी कहना नहीं रूका. लगातार बेबी कहने के अलावा वह अक्सर मुझे अनावश्यक रूप से छूते थे.’’


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नंदिता दास ने दिया ये बयान


नंदिता दास के पिता पर यौन शोषण के आरोप के बाद अब उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है. नंदिता ने अपने बयान में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सच की जीत होगी.


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नंदिता दास ने अपने फेसबुक पेज पर एक बयान जारी करते हुए कहा, ''#MeToo मूवमेंट की एक स्ट्रॉन्ग सपोर्टर होने के नाते ये जानते हुए भी कि मेरे पिता पर इस प्रकार के आरोप लगाए गए हैं. मैं अभी भी इस मुहिम को सपोर्ट करती हूं. मेरे पिता ने खुद पर लगे इन आरोपों से इनकार किया है. मैंने हमेशा से ही कोशिश की है कि महिलाओं और पुरुषों को बिना किसी डर के बोलने की आजादी हो. साथ ही हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी के भी द्वारा लगाए आरोप इस मूवमेंट की महत्ता को कम न करें. मैं इस पर फिलहाल यही कहना चाहती हूं कि सच की जीत होगी.''