The Kashmir Files: गोवा में आयोजित किए गए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2022 ( IFFI 2022) मे जूरी हेड नादव लापिड के फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर किए गए कमेंट से काफी विवाद खड़ा हो गया है. इजराइली फिल्म मेकर नादव लापिड ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को एक "प्रोपेगेंडा" और "वल्गर फिल्म" कहा था.
उनके इस बयान के बाद बॉलीवुड के तमाम सेलेब्स नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. फिल्म में अहम रोल प्ले करने वाले एक्टर अनुपम खेर ने अब ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर फिर इसराइली फिल्म मेकर की निंदा की है.
अनुपम खेर ने कहा सच पच नहीं रहा है
अनुपम खेर ने ट्विटर पर शेयर किए अपने वीडियो मे कहा, “दोस्तों कुछ लोगों को सच जैसा है वैसा ही देखने और दिखाने की आदत नहीं होती. वो उस पर अपनी मनपसंद खूशबू, मनपसंद जायका, अपने मनपसंद रंग लेपकर, सजाकर और संवारकर देखने के आदी होते हैं. कश्मीर का सच उन्हें पच नहीं रहा है. वे चाहते है कि उसे रंगीन खुशनुमा चश्मे से देखा और दिखाया जाए. यही वो करते आए हैं पिछले 25-30 सालों से.''
उन्होंने आगे कहा, ''आज जब उनकी इस मेहनत पर पूरी तरह कश्मीर फाइल्स ने पानी फेर दिया है सच को जैसा है वैसा ही दिखाकर तो उन्हें बहुत तकलीफ हो रही है. पेट में मरोड़ उठ रहे हैं. और वे गाहे-बगाहे मुंह से अपनी इस तकलीफ को जाहिर करते रहे हैं. जो सच जितनी भयावह है, जो सच जितना भद्दा है और नंगा है उसे अगर आप देख नहीं पाते तो आंखे मीच लिजिए और मुंह सील लिजिए उसका मजाक उड़ाना बंद कीजिए. क्योकि हम इस सच के भुगतभोगी हैं. हमने और हमारी बहन-बेटियों ने इस सच को झेला है. ये सच हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है. आप जाइये और पीडितो से पूछिए उनका भयावह, भद्दा सच. भारत और इसराइल दोनों दोस्त हैं. दोनों मुल्क आतंकवाद का शिकार रहे हैं. एक आम इसराइली कश्मीरी हिंदुओं का दर्द समझता है. बाकी हर देश में देश के कुछ दुश्मन अपने ही होते हैं. ये भी एक सच है. जय हिंद.”
अनुपम खेर ने ये भी ट्वीट किया था
इससे पहले 'द कश्मीर फाइल्स' को प्रोपेगेंडा बताने पर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जताई थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, “ झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों न हो, सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है.” इसके साथ ही अभिनेता ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' से अपनी फोटोज़ भी शेयर कीं.
कश्मीरी पंडितों की कहानी पर बेस्ड है 'द कश्मीर फाइल्स'
बता दें कि इंडियन पैनोरमा सेक्शन के एक भाग के रूप में 22 नवंबर को आईएफएफआई में 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग की गई थी. यह फिल्म 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. वहीं गोवा में 53वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी बोर्ड ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर अपने हेड के कमेंट से खुद को अलग कर लिया और उन्हें "पूरी तरह से उनकी निजी राय" बताया है.