मुंबई: अदाकारा फरीदा जलाल का कहना है कि फिल्म जगत में अभिनेत्रियों को एक उम्र के बाद, मां और पत्नी जैसी भूमिकाएं दी जाती हैं, जबकि अभिनेताओं को अच्छे किरदार मिलते हैं. जलाल ने कहा कि एक उम्र के बाद, कोई यह नहीं समझता है कि अभिनेत्री भी अलग अलग भूमिकाएं निभा सकती हैं.


उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड में भले ही महिला केंद्रित फिल्मों की बहार आई हो, लेकिन यह सिर्फ प्रमुख महिलाओं तक ही सीमित है.


जलाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मेरे समकालीन अनुपम खेर, ओम पुरी, अमरिश पुरी जैसे अभिनेता वकील, डॉक्टर आदि सरीखी अलग अलग भूमिकाएं निभाते हैं. वहीं, हमें बॉर्डर वाली साड़ी देकर कहा जाता है कि मां या पत्नी का किरदार निभाएं. मेरी अलग अलग तरह के किरदार निभाने की बहुत इच्छा है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ वहीदा रहमान, राखी जी, शबाना आज़मी जैसी बड़ी अभिनेत्रियां भी अधिकतर मां की भूमिका ही निभा रही हैं. उनके लिए अन्य किरदार नहीं लिखे जा रहे हैं.’’


जलाल ने कहा, ‘‘ एक उम्र के बाद हमें सीमित कर दिया जाता है. कोई भी यह नहीं सोचता है कि एक अभिनेत्री मां के अलावा भी अन्य तरह की भूमिकाएं निभा सकती हैं. कोई क्या कर सकता है? हमें अच्छे किरदार मिलने का इंतजार है.’’


69 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा, ‘‘ महिला केंद्रित फिल्में आ रही हैं और भूमिकाएं लिखी जा रही हैं. मैं उनके लिए खुश हूं. लेकिन एक उम्र के बाद, यह रूक जाता है और उन्हें अच्छे किरदार नहीं मिलते हैं.’’


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