मुंबई: बाॅलीवुड के फेमस अभिनेता अनुपम खेर ने डिप्रेशन पर आधारित स्पिरिचुअल फिक्शन नॉवेल ‘द स्पिरिट ऑफ द रिवर’ का लोकार्पण किया. लोकार्पण के मौके पर नॉवेल की लेखिका करीना अरोड़ा के साथ हे हाउस पब्लिशर्स के सीईओ अशोक चोपड़ा भी मौजूद थे.


हे हाउस पब्लिशर्स की ओर से प्रकाशित ‘द स्पिरिट आॅफ द रिवर’ में सभी प्रकार के भावनात्मक और आध्यात्मिक बिंदुओं को हाइलाइट किया गया है, जिन्हें आदमी रोजाना जिंदगी में महसूस करता है.


इस नाॅवेल की केंद्रीय पात्र जोय नाम की एक लड़की है, जिसने अभी-अभी युवावस्था में कदम रखा है. उम्र के इस पड़ाव पर कदम रखते ही उसका सामना कई तरह के दबावों से होता है. जोय के माता-पिता की असमायिक मृत्यु हो चुकी है. यह घटना से जोय को गहरा दुख होता है लेकिन इसके साथ ही वह जीवन को अनुभव करते हुए बहुत कुछ सिखती है. इस नॉवेल में घटनाओं को बड़े ही सरल तरीके से पेश किया गया है. जोय की कहानी आकर्षक और प्रेरणादायक दोनों हैं.



किताब के बारे में अनुपम खेर ने कहा, ''यह किताब नुकसान की भावना के बारे में है. उम्र के ऐसे पड़ाव पर माता-पिता को खोना बहुत कष्ट की बात है. कैसे एक युवा लड़की जोय उस असहनीय हानि से उबर पाती है, यह सब इस किताब में आश्चर्यजनक तरीके से बताया गया है''. युवाओं के बीच डिप्रेशन के बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि आज के युवाओं को परिस्थितियों में फिट न होने को लेकर ज्यादा तनाव है, जैसे- मैं फिट होना चाहता हूं, मैं अच्छा देखना चाहता हूं. यह सब चीजें तनाव पैदा करने के बड़े कारण हैं.''


दूसरी ओर पुस्तक की लेखक करीना अरोड़ा ने बताया, ‘यह पुस्तक आपके अंदरूनी आत्म के बारे में है, यह आप के अंदर से है, बाहर के पहलू के बारे में नहीं..जैसे आप क्या हैं, किस तरह दिख रहे हैं. नॉवेल की लेखिका करीना अरोड़ा ने बताया कि इसे लिखने के पीछे का मकसद डिप्रेशन के साथ सामना करने का तरीका बताना है.



हालांकि करीना ने कहा, ''यह किताब लिखने के पीछे का मकसद डिप्रेशन के साथ सामना करने के तरीके बताना है. यह एक बहुत दूर की अवधारणा है, मैंने व्यक्तिगत रूप से इस स्थिति का अनुभव नहीं किया है, लेकिन जैसा कि मैंने कई किताबें पढ़ी हैं, मेरे पास जीवन के लिए अलग दृष्टिकोण और परिप्रेक्ष्य है.'' करीना अरोड़ा 17 साल थीं, जब उन्होंने इस नॉवेल को लिखना शुरू कर दिया था.