इम्तियाज अली ने कहा, बनावटीपन फिल्म को बेकार बनाता है
इम्तियाज अली की हालिया रिलीज़ फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' उम्मीद पर खरी नहीं उतर पाई थी. इस फिल्म में मुख्य भूमिका में शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा नजर आए थे.
मुंबई: फिल्म 'जब वी मेट' को रिलीज हुए एक दशक बीत गए, लेकिन कई बॉलीवुड प्रेमियों के जेहन में यह आज भी ताजा है. निर्देशक इम्तियाज अली का कहना है कि किसी फिल्म को यादगार बनाने के लिए उसे साफगोई के साथ पेश करना महत्वपूर्ण है.
इम्तियाज के निर्देशन में आई अंतिम फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' उम्मीद पर खरी नहीं उतरी. सुपरहिट फिल्म 'जब वी मेट' के बाद उनकी 'लव आज कल', 'रॉकस्टार', 'कॉकटेल', 'हाईवे' और 'तमाशा' आई है.
'जब वी मेट' की कहानी जिंदादिल और चुलबुली पंजाबी लड़की गीत और मुंबई के एक कारोबारी की कहानी है, जिसे मनोरंजक तरीके से करीना कपूर खान और शाहिद कपूर ने अपने उम्दा अभिनय से फिल्म में स्थायी प्रभाव छोड़ा है.
इम्तियाज ने बताया, "जब आप कोई फिल्म बनाते हो, तो आप अपना सबसे अच्छा देते हो, आप अच्छा लिखते हो, आप इसे बिल्कुल नया और मनोरंजक बनाने की कोशिश करते हो. लेकिन एक बात मैंने महसूस की है कि अगर आप फिल्म में बनावटीपन डालते हैं और उस समय के लिए मसालेदार बनाने की कोशिश करते हैं तो ये चीजें बहुत जल्द ही अनावश्यक दिखनी शुरू हो जाती हैं."
उन्होंने कहा, "याद रखे जाने के लिए फिल्म को साफ-सुथरी रखना बेहद जरूरी है." अगली फिल्म के सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं दो फिल्मों पर काम कर रहा हूं और मैं दोनों फिल्मों को एक ही साथ बनाना चाहता हूं."