ड्रग्स केस में शाहरुख खान (Shahrkh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) समेत मुनमुन धमेचा (Munmun Dhamecha) और अरबाज मर्चेंट (Arbaaz Merchantt) को 7 अक्टूबर तक एनसीबी की कस्टडी में हैं. कोर्ट में आर्यन की तरफ से देश के जाने माने वकील सतीश मानशिंदे (Satish Manshinde) ने उनके पक्ष में दलीलें रखी तो वहीं दूसरी तरफ एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सी सिंह (Anil C Singh) और वकील अद्वैत सेठना ने एनसीबी का पक्ष रखा. कल कोर्ट की कार्यवाही के दौरान दोनों पक्षों में तीखी बहस देखने को मिली.
कोर्ट में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तरफ से आर्यन खान समेत तीनों की कस्टडी को बढ़ाने की अपील की गई. आईए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि एनसीबी के वकील ने किस आधार पर कस्टडी बढ़ाने की मांग की और जिसके जवाब में सतीश मानशिंदे की ओर से क्या दलीलें रखीं गईं-
केस की शुरुआत में एनसीबी का पक्ष रख रहे ASG अनिल सी सिंह ने आर्यन खान के मामले को रिया चक्रवर्ती जैसा दिखाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले में आर्यन खान की संलिप्तता को भी देखा जा सकता है, जिस पर सतीश मानशिंदे की ओर से विरोध दर्ज कराया गया. उन्होंने कहा कि आर्यन और रिया दोनों एकदम अलग मामले हैं.
एएसजी ने कहा कि "ड्रग्स जहाज से बरामद की गईं हैं." इस पर मानशिंदे की तरफ से दलील दी गई कि "जहाज मेरा नहीं हैं. फिर तो आपको जहाज पर सवाल हजारों दूसरे लोगों को भी गिरफ्तार कर लेना चाहिए था" इसके बाद मानशिंदे ने फिर कहा कि, "इससे जहाज पर लोगों के साथ मेरे संबंध थे ये इस्टेबलिश नहीं होता"
इसके बाद ASG ने सवाल किया, "फिर आर्यन जहाज पर क्यों थे?" जिसके जवाब में कहा गया कि "इसका मतलब ये तो नहीं कि नंबर 1 वो बांट रहे थे. वो चाहें तो जहाज खरीद सकते हैं लेकिन...” इस पर मानशिंदे ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच काफी गर्मागरम बहस देखने को मिली.
कोर्ट ने एनसीबी से पूछा कि उन्हें आर्यन की कस्टडी की जरुरत क्यो हैं? इस पर ASG ने जवाब दिया कि उन्हें "आर्यन खान की कस्टडी की जरूरत इसलिए है, क्योंकि वो जानना चाहते हैं कि उन्हें पार्टी में क्यों बुलाया गया था और वो कौन से केबिन में रुके थे." इस पर मानशिंदे ने कहा कि "आर्यन को शिप पर ड्रग्स बेचने की जरुरत नहीं, और वो शिप पर क्यों गए थे इससे एनसीबी का कोई काम नहीं, वो चाहें तो शिप खरीद सकते हैं."
ASG ने आर्यन के फोन से ड्रग्स की चैट और कुछ आपत्तिजनक चीज़े मिलने की दलील दी, जिस मानशिंदे ने कहा कि एनसीबी की तरफ से आर्यन पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. कोर्ट भी उन चैट को देख सकता हैं. उनमें ऐसी कोई बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अगर आर्यन का केस गैर जमानती हैं तो एनसीबी को ठोस सबूत देने होंगे. दूसरों के पास मिले ड्रग्स को उनका नहीं माना जा सकता.
इसके अलावा भी कई तरह के तर्क कोर्ट में दिए गए. एनसीबी आर्यन खान की कस्टडी 11 अक्टूबर चाहती थी लेकिन उन्हें 7 अक्टूबर तक की कस्टडी दी गई.
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