नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस हमले में 7 श्रद्धालुओं के मारे जाने की खबर है. जिस बस पर हमला हुआ वो यात्रा से वापस आ रही थी. पूरा देश इस हमले से गुस्से में हैं. सभी इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं. राजनेता से लेकर अभिनेता तक इसे कायराना हरकत बता रहे हैं. हमले की पूरी डिटेल जानकारी यहां पढ़ें
इस बड़े आतंकी हमले पर अक्षय कुमार ने ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रकट की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘निर्दोष अमरनाथ यात्रियों पर यह हमला एक नीच हरकत है. गुस्सा और दुख…जो भी इससे प्रभावित हुए हैं उनके लिए प्रार्थना.’ नीचे जानें इस हमले से जुड़ी सभी बड़ी बातें...
जिस पर हमला हुआ उसका रजिस्ट्रेशन नहीं था
अमरनाथ यात्रा में जाने वाली बसों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है और उन्हें सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन जानकारी के मुताबिक इस बस का ना तो कोई रजिस्ट्रेशन था और ही इसे कोई सुरक्षा मिली थी.
आतंकी हमला: किसने क्या कहा?
मारे गए सभी यात्री गुजरात के रहने वाले
जानकारी के मुताबिक जिस बस पर हमला हुआ वो गुजरात की थी. मारे गए सभी श्रद्धालु गुजरात के रहने वाले थे. यह बस उस जत्थे के साथ थी जो सुरक्षाबलों के साथ वापस आ रही थी लेकिन किसी कारण से यह बस रास्ते में रुक गई और जत्थे से अलग हो गई.
हमले पर CRPF ने गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट
सीआरपीएफ की ओर से गृहमंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में इसे सीरियल अटैक बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे हमले को लेकर खुफिया रिपोर्ट थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि बिना रजिस्ट्रेशन की गयी बसों को आतंकी निशाना बना सकते हैं.
अमरनाथ यात्रा को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम का दावा किया जाता है. सरकार की ओर से पूरे यात्रा के रूट पर चप्पे चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. अमरनाथ यात्रा के नियमों के मुताबिक सात बजे के बाद यात्रा रूट पर कोई बस नहीं जा सकती है. ऐसे में रात 8 बजकर 20 मिनट पर इस का रास्ते में होना सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है.
क्या है अमर नाथ यात्रा?
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में हर साल बर्फ का शिवलिंग बनता है. इसी शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. इस साल 2.30 लाख यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. इस बार 29 जून को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा 40 दिन तक चलेगी यह रक्षा बंधन पर पूरी होगी.
अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू कश्मीर में दो रास्तों से श्रद्धालु जाते हैं. श्रद्धालु जम्मू से बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा तक जाते हैं. इसके अलावाव जम्मू से पहलगाम होते हुए दूसरे रास्ते से अमरनाथ गुफा तक जाते हैं.