Box Office: आयुष्मान खुराना की 'आर्टिकल 15' को मिली अच्छी ओपनिंग, पहले दिन की इतनी कमाई
Articel 15 Box Office Collection: 'आर्टिकल 15' ने पहले दिन अच्छी कमाई की है. हालांकि आयुष्मान खुराना की ही पिछली फिल्म के मुकाबले उन्हें ओपनिंग छोटी मिली है. फिल्म 'आर्टिकल 15' ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 5.02 करोड़ की कमाई की है.
Articel 15 Box Office Collection: आयुष्मान खुराना बॉलीवुड में हर बार अपनी एक अलग प्रकार की च्वाइस से फैंस के बीत अपनी खास जगह बनाते हैं. इस बार वो एक बेहद गंभीर मुद्दे को उठाती फिल्म 'आर्टिकल 15' के साथ दर्शकों के बीच पहुंचे हैं. उनकी पिछली फिल्मों की ही तरह दर्शकों ने आयुष्मान की इस फिल्म को भी अच्छा रिस्पॉन्स दिया है.
फिल्म ने पहले दिन अच्छी कमाई की है. हालांकि आयुष्मान खुराना की ही पिछली फिल्म के मुकाबले उन्हें ओपनिंग छोटी मिली है. फिल्म 'आर्टिकल 15' ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 5.02 करोड़ की कमाई की है. फिल्म को पहले दिन अच्छा रिस्पॉन्स मिला है, उम्मीद की जा रही है कि दूसरे और तीसरे दिन भी ये फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में कामयाब रहेगी.
साथ ही क्रिटिक्स और दर्शकों से मिली तारीफ भी इस फिल्म के फेवर में नजर आएगी. वहीं, आयुष्मान खुराना की पिछली कुछ फिल्मों की बात करें तो 'बधाई हो' को अब तक सबसे बड़ी ओपनिंग हासिल है. फिल्म ने पहले दिन 7.35 करोड़ रुपए की कमाई की थी. अब 5.02 करोड़ रुपए की कमाई के साथ 'आर्टिकल 15' दूसरे स्थान पर है. इसके अलावा साल 2017 में आई शुभ मंगल सावधान 2.71 करोड़ की कमाई के साथ तीसरे स्थान पर है. वहीं, अंधाधुन 2.70 करोड़ के साथ चौथे और बरेली की बर्फी 2.42 करोड़ की कमाई के साथ 5वें स्थान पर है.
Ayushmann Khurrana versus Ayushmann Khurrana... *Day 1* biz... 2018: #BadhaaiHo ₹ 7.35 cr [Thu; #Dussehra] 2019: #Article15 ₹ 5.02 cr 2017: #ShubhMangalSaavdhan ₹ 2.71 cr 2018: #AndhaDhun ₹ 2.70 cr 2017: #BareillyKiBarfi ₹ 2.42 cr India biz.
— taran adarsh (@taran_adarsh) June 29, 2019
आपको बता दें कि 'आर्टिकल 15' का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है. फिल्म की कहानी देश में फैले जातिवाद के मसले को बड़ी संजीदगी से उठाती है. फिल्म हमारे संविधान में लिखे गए 'आर्टिकल 15' को दिखाती है जिसके अंतर्गत किसी भी वर्ग, जाति, लिंग या धर्म के व्यक्ति में किसी तरह का अंतर नहीं किया जाए. लेकिन देश में ऐसा होता नहीं है, जगह-जगह जाति के नाम पर उनसे भेदभाव किया जाता है.