बॉलीवुड सुपरस्टार आयुष्मान खुराना की आने वाली फिल्म 'आर्टिकल 15' रिलीज से पहले ही काफी विवादों में आ गई है. पिछले महीने ही में इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था इसके बाद से फिल्म का प्लॉट और कहानी को लेकर काफी चर्चाएं हैं. अब फिल्म के निर्माताओं पर ब्राह्मणों को नकारमक तरीके से चित्रित करने का आरोप लगाया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि फ़िल्म की कहानी 2014 उत्तर प्रदेश के बदायूं बलात्कार के मामले से प्रेरित है जिसमें दो किशोर लड़कियों को एक पेड़ से लटका पाया गया था जिसने देशभर में सुर्खियों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था.
इस फिल्म में आयुष्मान खुराना एक पुलिस अधिकारी के किरदार में किरदार में जैसा कि ट्रेलर देखने के बाद साफ है. ये पुलिस अधिकारी हर तरफ जाति को सिस्टम में उलझा हुआ पाता है. सच्ची घटनाओं से प्रेरित अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म अब विवादों में घिरी हुई नज़र आ रही हैं.
एक ब्राह्मण संगठन परशुराम सेना ने कथित तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और आरोप लगाया है कि यह फिल्म समुदाय को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. इतना ही नहीं, अनुभव सिन्हा और आयुष्मान खुराना को सोशल मीडिया पर धमकियां भी मिल रही हैं.
इसके अलावा, एक मल्टीप्लेक्स चेन की माने तो आर्टिकल 15 की स्क्रीनिंग के खिलाफ विरोध करने के लिए ब्राह्मण समूह और करणी सेना मल्टीप्लेक्स के बाहर इकट्ठा होने की योजना बना रहे है. इसलिए सावधानी बरतते हुए, सिनेमा मालिक इन खतरों के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षा में मदद के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंच रहे है.
अनुभव सिन्हा अपनी पिछली फिल्म 'मुल्क' और आगामी फिल्म 'आर्टिकल 15' के माध्यम से समाज में संवेदनशील विषयों को संबोधित कर रहे हैं. चूंकि यह फ़िल्म अब जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है, इसलिए उन्हें समाज के विभिन्न क्षेत्रों से, विशेषकर ऊपरी वर्ग से धमकी भरे ईमेल और कॉल आ रहे हैं.
'आर्टिकल 15' एक ऐसी फिल्म है, जो प्रत्येक व्यक्ति द्वारा समाज में बदलाव लाने की मांग करती है और सभी से इसकी हार्ड-हिटिंग लाइन, 'अब फ़र्क लाएंगे' के साथ एक्शन लेने के लिए कहा है.
फिल्म 'आर्टिकल 15' लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल के दसवें संस्करण में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए तैयार है. लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है और यह इन्वेस्टिगेटिव ड्रामा ओपनिंग नाइट फिल्म होगी.