फिल्म 'अंधाधुन' के लिए बेस्ट एक्टर के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे गए आयुष्मान खुराना का कहना है कि उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिलने‌ की बेहद खुशी तो है, मगर उन्हें 2012 में स्पर्म डोनेशन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म 'विक्की डोनर' से ही पहली बार नेशनल अवॉर्ड मिलने‌ की उम्मीद जगी थी.


अपनी अगली फिल्म 'ड्रीम गर्ल' के ट्रेलर लॉन्च के मौके पर बोलते हुए आयुष्मान खुराना ने पहली मर्तबा नेशनल अवॉर्ड मिलने की खुशी को बयां करते हुए कहा, "मेरे लिए यह एक बेहद लम्बा मगर कामयाब सफर रहा है. मैंने रेडियो से अपना करियर शुरू किया था, फिर टीवी और फिर फिल्मों में काम‌ किया. नेशनल अवॉर्ड पाना हर कलाकार का एक सपना होता है. जब आप मुंबई आते हो सोचते हो कि एक दिन जरूर आपको नेशनल अवॉर्ड मिलेगा. जब आप इसके बारे‌ में नहीं सोच रहे होते हो तो आपको मिल जाता है!'





आयुष्मान ने आगे कहा, "मुझे अपनी पहली फिल्म 'विक्की डोनर' के दौरान उम्मीद थी कि मुझे नेशनल अवॉर्ड मिल जाएगा, लेकिन वो वहां पर अन्नू कपूर को मिल गया! वो इस फिल्म (ड्रीम गर्ल) में भी हैं. खैर, आप उस ऐजेंडा के साथ कभी फिल्म नहीं करते हो कि आपको अवॉर्ड्स के लिए फिल्म करनी है. आप बस पूरी ईमानदारी के साथ फिल्म करते हैं और आपको मिल जाता है. मैं खुशनसीब हूं कि मैं बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिल रहा है."


आयुष्मान खुराना ने इस मौके पर बताया कि नेशनल अवॉर्ड मिलने पर उन्हें रणवीर सिंह, रणबीर‌ कपूर,‌ राजकुमार राव और इंडस्ट्री के तमाम बड़े लोगों ने मैसेज और फोन कर बधाई दी. उल्लेखनीय है कि 'अंधाधुन' के साथ साथ 'उरी' में अभिनय के लिए विक्की कौशल को भी बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला है. इसपर अपनी खुशी जताते हुए आयुष्मान ने कहा कि विक्की के रूप में उन्हें उम्र भर के लिए एक भाई मिल गया है.


अपने‌ अब तक के अपने सफर पर बात करते हुए आयुष्मान ने कहा, "कड़ी मेहनत से मुझे ये सफलता हासिल हुई है. मुझे खुशी है कि अचानक से बड़ी कामयाबी हासिल करने की बजाय मैंने आहिस्ता-आहिस्ता अपना मकाम‌ बनाया. इससे आपको जमीन से जुड़े रहने में मदद मिलती है. थिएटर के दिनों से लेकर टीवी और फिल्मों में काम करने की शुरुआत करने तक मेरा सफर काफी बढ़िया रहा है... मैं आज भी बच्चों की तरह बर्ताव करता हूं. मैं फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर आने पर बेहद एक्साइटेड हो जाया करता हूं और फिल्म की रिलीज के वक्त काफी नर्वस हो जाता हूं."


अंत में आयुष्मान ने नेशनल अवॉर्ड्स को सबसे अलहदा ठहराते हुए इसकी तुलना बोर्ड परीक्षाओं से की और बताया कि जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो उस वक्त वो शूटिंग में बिजी थे. उन्हें चंद मिनटों में धड़ाधड़ आने वाले फोन‌ कॉल्स और मैसेज से इसकी जानकारी मिली.