मुंबई: आयुष्मान खुराना की फिल्म 'बाला' पर विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है. लेखक कमलकांत चंद्रा ने दावा किया है कि इस फिल्म की कहानी उन्होंने अपने जीवन को आधार बनाकर लिखी है और उन्होंने आयुष्मान खुराना और बाला फिल्म के मेकर्स पर कहानी चुराने का आरोप लगाया है. इस मामले में लेखक कमलकांत चंद्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मामला दायर किया था. हाईकोर्ट में कई बार तारीख मिलने और फिल्म की रिलीज जेट (8 नवंबर) के नजदीक आते देख उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट को फिल्म के रिलीज होने से पहले फैसला देने का आदेश दिया है.


सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कमलकांत चंद्रा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए अपनी खुशी जताई और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 'बाला' की रिलीज से पहले उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से न्याय मिल जायेगा. बता दें कि कमलकांत ने‌ अप्रैल महीने में बॉम्बे हाईकोर्ट में 'बाला' के खिलाफ केस करने के बाद दावा किया था, "साल 2017 में मैंने एक डेढ़ पन्ने की फिल्म की कहानी आयुष्मान खुराना‌ को वॉट्सऐप की थी जो उन्हें काफी पसंद आयी थी. ऐसे में साल‌ 2017 में सितंबर महीने में एक दिन उन्होंने मुझे यशराज स्टूडियो में मिलने‌ के लिए बुलाया था. ऐसे में जब मैं वहां पहुंचने ही वाला था कि उनका मैसेज आया कि आज वो नहीं मिल सकते हैं. तब से लेकर लगभग डेढ़ साल तक मैंने उन्हें फॉलो करने की कोशिश की, मगर उन्होंने कभी भी मेरे मैसेज का जवाब नहीं दिया और फिर एक दिन पता चला कि मेरी मूल कहानी पर ही 'बाला' फिल्म बन रही है."


आयुष्मान ने क्या कहा


उधर, हाल ही में आयुष्मान खुराना ने एबीपी न्यूज़ को दिये एक खास इंटरव्यू में इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था, "ऐसा है कि एक ही आइडिया 10 लोगों के दिमाग में आ सकता है. मैं झूठ नहीं बोलूंगा, एक ही विषय पर मुझे पांच फिल्में ऑफर हुई थीं और जो सबसे अच्छा डायरेक्टर, प्रोड्यूसर मुझे लगा, मैं उनके साथ चला गया. अब आप यह नहीं बोल सकते हैं कि किसका आइडिया ओरिजनल है. सबने एक टाइम पर सोचा है. हमारी फिल्म काफी टाइम से रजिस्टर्ड है. फिल्म सबसे पहले हमने शूट की है. बस इतनी सी बात है."


आयुष्मान ने आगे कहा, "फिल्म 'बाला' एक ऐसी स्क्रिप्ट है, जो मैं खुद दिनेश विजन (निर्माता) के पास ले गया था. लेखक पावेल भट्टाचार्य कोलकाता से मुझे यह कहानी सुनाने आये थे और मुझे ये कहानी बहुत एक्साइटिंग लगी थी. यह एक बहुआयामी किस्म की फिल्म है. यह फिल्म सिर्फ गंजेपन पर आधारित नहीं है. इस फिल्म को दिनेश के पास ले गया और बाद में इसे अमर कौशिक (निर्देशक) ने विकसित किया."


उल्लेखनीय है कि 2011 में रिलीज हुई और गंजेपन पर ही आधारित फिल्म 'हेयर इज फॉलिंग' के लेखक विकास ताल्यान ने भी एबीपी‌ न्यूज़ से बातचीत में इस फिल्म की कहानी पर दावा किया था. इन दावों के अलावा, गंजेपन पर बनी फिल्म 'उजड़ा चमन' के मेकर्स ने भी 'बाला' पर कहानी चुराने का इल्जाम लगाया था और उनके खिलाफ केस दायर किया था.


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