'हीरामंडी' से पहले तवायफों की लाइफ पर बनी है ये शानदार बॉलीवुड फिल्में, हैरान कर देती है इनकी रॉयल दुनिया
Films On Courtesans: संजय लीला भंसाली अपनी अपकमिंग सीरीज हीरामंडी में एक बार तवायफों की जिंदगी दिखाने जा रहे हैं. वैसे हिंदी सिनेमा में रियल लाइफ तवायफों पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं.
Bollywood Films On Courtesans: 'देवदास' और 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के बाद, संजय लीला भंसाली एक बार फिर अपनी अपकमिंग सीरीज 'हीरामंडी' के जरिए भारत में तवायफों के गोल्डन ईरा को स्क्रीन पर दिखाने जा रहे हैं.सीरीज का टीजर बेहद शानदार और रॉयल है. जिसके बाद हर कोई स्क्रीन पर भंसाली के जादू को एक बार फिर देखने के लिए सांस रोके इंतजार कर रहे हैं. वैसे तवायफों की जिंदगी पर बॉलीवुड में पहले भी कई यादगार फिल्में बन चुकी हैं. चलिए ऐसी ही पांच बेहतीन फिल्मों पर एक नजर डालते हैं जिनमें रियल लाइफ तवायफों की झलक मिलती है.
'गंगूबाई काठियावाड़ी'
संजय लीला भंसाली की 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में आलिया भट्ट ने लीड रोल प्ले किया था. फिल्म को दर्शकों से काफी प्यार और सराहना मिली थी. फिल्म में एक्ट्रेस ने एक संपन्न परिवार की लड़की का रोल निभाया था जिसे वेश्यावृत्ति में बेच दिया जाता है. इसके बाद वह अंडरवर्ल्ड की मदद से कोठे की ऑनर बन जाती है और यहां तक कि वेश्याओं के अधिकार और सुरक्षा के लिए लड़ती भी है. फिल्म में अजय देवगन, शांतनु माहेश्वरी, सीमा पाहवा और विजय राज ने लीड रोल निभाया है. फिल्म गंगूबाई कोठेवाली की लाइफ और जैदी की किताब 'माफिया क्वींस ऑफ मुंबई' के एक चैप्टर पर बेस्ड है.
‘बेगम जान’
विद्या बालन ने एक भारत के विभाजन से पहले एक विशाल हवेली में चलाने वाली एक वेश्यालय की मालकिन की भूमिका निभाई थी. फिल्म ग्यारह तवायफों की कहानी है जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान अपने कोठे और एक-दूसरे से अलग होने से इनकार कर दिया था. श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विद्या बालन के अलावा पल्लवी शारदा, गौहर खान, मिष्टी चक्रवर्ती, इला अरुण और चंकी पांडे ने भी अहम रोल प्ले किया था.
'देवदास'
संजय लीला भंसाली की 'देवदास' उनकी सबसे पॉपुलर फिल्म है. देव और पारो (शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय) की प्रेम कहानी यकीनन फिल्म का मेन अट्रैक्शन थी. वहीं माधुरी दीक्षित ने भी फिल्म में चंद्रमुखी के रूप में अपने रोल से जान डाल दी. चंद्रमुखी एक तवायफ थी जिसे शाहरुख के किरदार से प्यार हो जाता है, जो एक सम्मानित परिवार से ताल्लुक रखता है. हालांकि फिल्म में माधुरी ने सपोर्टिंग एक्ट्रेस का रोल प्ले किया था लेकिन वह फिल्म में मजबूत दिखती है. फिल्म में माधुरी के लुक और प्रदर्शन को मीना कुमारी की 'पाकीजा' के बाद बेस्ट माना गया था.
'पाकीजा'
'पाकीजा' साहिबजान नाम की एक खूबसूरत तवायफ की कहानी है, जिसे मीना कुमारी ने निभाया था. फिल्म में मीना कुमारी ने एक ऐसी महिला का रोल प्ले किया है जो वेश्यावृत्ति के चक्र से तब तक अलग नहीं हो पाती जब तक कि सलीम नाम के एक युवा वन रेंजर (राजकुमार ने प्ले किया था रोल) को उसकी मोहक सुंदरता और मासूमियत से प्यार नहीं हो जाता. हालांकि हीरो के अमीर माता-पिता उनका रिश्ता मंजूर नहीं करते हैं. मीना कुमारी की ब्यूटी और शानदार परफॉर्मेंस के अलावा जिस चीज ने फिल्म को दर्शकों के बीच हिट बनाया वह गुलाम मोहम्मद का म्यूजिक था. फिल्म ने 2022 में 50 शानदार साल पूरे किए और यह आज भी लोगों के जेहन में ताजा है.
'मुगल-ए-आज़म'
'मुगल-ए-आज़म' यकीनन रिलीज होने के छह दशक से ज्यादा समय होने के बाद भी बॉलीवुड में हमारे पास मौजूद सिनेमाई मास्टरपीस में से एक है. ये फिल्म एक अभिशप्त तवायफ, 'अनारकली' की कहानी है, जिसे पर्दे पर मधुबाला ने निभाया था. उनका किरदार दिलीप कुमार द्वारा निभाए गए मुगल राजकुमार सलीम के प्यार में पड़ जाता है. सलीम और अनारकली की मोहब्बत न केवल फिल्म में पिता-बेटे के बीच जंग छिड़वा देता बल्कि अनारकली को अकेलेपन, दिल टूटने और आत्म-विनाश के रास्ते पर ले जाता है. इस फिल्म के खाने आज भी लोगों के जेहन में ताजा है.
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