भाबी जी घर पर है: विभूति ने खरीदी प्रिंटिंग प्रेस, आखिर कौन है चालू चिकनी चाची?
भाबी जी घर पर हैं के लेटेस्ट एपिसोड में विभूति नारायण ने छापी खुद की मैगजीन. सभी जानने को इच्छुक हैं कि आखिर कौन हैं चालू चिकनी चाची...
भाबी जी घर पर हैं सीरियल को टीवी पर 7 साल पूरे हो गए हैं. पिछले कई सालों से शो का हर एक एपिसोड आपके लिए हंसी के फुव्वारे लेकर आता है. 'भाबी जी घर पर हैं' के किरदार विभूति नारायण यानी आशिफ शेख, तिवारी जी यानी रोहिताश्व गौड, 'अंगूरी भाबी' शुभांगी अत्रे ने लोगों के दिलों में खास जगह बना ली है. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भाबी जी घर पर हैं 7 मार्च 2022 फुल एपिसोड का अपडेट...
इस लेटेस्ट एपिसोड की शुरुआत होती है अंगूरी भाबी से जो भूरी से फोन पर बात कर रही होती हैं. भूरी अंगूरी को हार की फोटो भेजती है जो कि उसके पति ने उसको गिफ्ट किया था, जिसकी कीमत 9 लाख रुपये होती है. तभी विभूति वहां आ जाता है और कहता है आपको हार पसंद है, इस पर अंगूरी कहती है हां बहुत पसंद है और मैने इतना महंगा हार सामने से कभी नहीं देखा है. अंगूरी बोलती है आप तो ऐसे बोल रहे हैं जैसे आपके पास हार हो. इस पर विभूति बोलता है कि हां मेरी मां का हार है. अंगूरी चौंक जाती है. विभूति को ये कहता सुन टिका मलखान और टिल्लू कहते हैं कि उसे बेचकर हमारे पैसे क्यों नहीं चुका देते हो.
इतना सुनते ही सभी विभूति के पास आकर अपने-अपने कर्ज गिनवाने लग जाते हैं. अनीता कहती है कि किसी ने भी उस हार पर अपनी नजर डाली उसे आंखों में सैनिटाइजर डाल दूंगी. जिसे पैसे दिए हैं उसी से जाकर मांगो. उधर चाय की दुकान पर तिवारी जी पैसे गिन रहे होते हैं. विभूति को वहां आता देख अपने सभी पैसे छुपा लेते हैं. विभूति आकर तिवारी जी की तारीफ करने लगता है. तिवारी पूछते हैं कि इतनी तारीफ की वजह. विभूति कहते हैं कि प्लीज मुजे 10 हजार दे दीजिए. तिवारी जी मान जाते हैं, तभी तिवारी के पास अनीता भाबी का फोन आता है वो बोलती हैं क्या विभूति आपके पास है सिर्फ हां या ना में जवाब दीजिएगा. अनीता बोलती है क्या उसने आपसे पैसे मांगे तो उससे वापस ले लो. तिवारी फोन काटकर विभूति के हाथ पर अपने पैसे छिनकर भाग जाते हैं.
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उधर प्रेम फोन पर बात करता है और कहता है सुनो तुमने मुझे पैसे नहीं दिए इसलिए मैंने तुम्हारी दुकान पप्पू प्रिंटिंग प्रेस बंद कर दी और जब तक तुम मुझे मेरे पैसे नहीं लौटाओगे तब तक तुम्हारी दुकान मेरी होगी. तभी विभूति उसके पास जाता, प्रेम उसे देखकर डर जाता है. विभु उसका मजाक उड़ाते हुए पूछता है कि तुम क्यों डरे. प्रेम कहता है कि मैं ही नहीं हर कोई तुमसे डरता है क्योंकि न जाने कितने पैसे मांगने लगो और फिर तुम्हारी खतरनाक पत्नी से कौन लड़ेगा, अब बताओ मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूं. प्रेम विभूति के कहने पर उसे एक प्रिंटिंग प्रेस की दुकान दे देता है चलाने के लिए.
विभूति अपने मैगजीन को चलाने के लिए एक नया उपाय सोचता है और जाकर न्यूजपेपर सैलर से बात करता है. विभूति कहता है कि आपको इस मैगजीन को हर घर में पेपर के साथ फ्री में भेजना है और जब लोगों को इसकी आदत पड़ जाएगी तो 10 रुपये प्रति मैगजीन चार्ज वसूलेंगे. विभूति कहता है कि इस बारें में किसी को पता नहीं चलना चाहिए वरना मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा. तिवारी की मैगजीन चालू चिकनी चाची सभी को धीरे-धीरे पसंद आने लगती है.