जयपुर: फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने करणी सेना और दूसरे राजपूत संगठनों को फिल्म 'पद्मावत' देखने के लिए आमंत्रित किया है. संगठन के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 'पद्मावत' की रिलीज डेट तय होने के बाद उन्हें फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किए जाने से स्पष्ट हो गया कि यह एक सुनियोजित चाल है. कालवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस फिल्म को प्रतिबंधित करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि फिल्म की रिलीज नहीं रुकने की स्थिति में 24 जनवरी को जौहर करने के लिए 1908 क्षत्रिय महिलाओं ने पंजीकरण कराया है. फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने कालवी को भेजे पत्र में कहा है कि राजपूत संगठन मुख्य मुद्दे से भटक गए हैं.
पत्र में भंसाली ने लिखा है, "फिल्म में रानी पद्मावती के सम्मान और गरिमा को बरकरार रखा गया है. सपने वाला बहुचर्चित दृष्य मात्र एक अफवाह है जिसका उल्लेख पिछले साल 29 जनवरी को भेजे पत्र में भी किया गया था. ऐसा कोई दृष्य नहीं है. हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि फिल्म देखने के बाद राजपूत समाज गर्व महसूस करेगा."
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कालवी ने फिल्म के बार में बताते हुए कहा, "हमने उनसे नौ इतिहासकारों को वह फिल्म दिखाने के लिए कहा और उन्होंने मात्र तीन लोगों को दिखाई. इसके अलावा उन्होंने उन तीन इतिहासकारों की सलाह पर भी विचार नहीं किया. उनके विचारों को नजरंदाज करके फिल्म रिलीज की तिथि निश्चित करने से इतिहासकारों का अपमान किया गया है. अब इसका एकमात्र समाधान फिल्म को प्रतिबंधित करना ही है."
'पद्मावत' में रानी पद्मावती का किरदार दीपिका पादुकोण, महारावल रतन सिंह का किरदार शाहिद कपूर और अलाउद्दीन खिलजी का किरदार रणवीर सिंह निभा रहे हैं. जयपुर में फिल्म के सेट पर मारपीट से लेकर कोल्हापुर में सेट पर तोड़-फोड़ करने के बाद फिल्म निर्देशक भंसाली को राजपूत संगठनों के गुस्से का शिकार होना पड़ा था.
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महीनों तक विरोध का सामना करने के बाद फिल्म निर्माताओं ने यह स्पष्ट किया कि यह फिल्म 16वीं सदी के सूफी गायक मलिक मोहम्मद जायसी के एतिहासिक गीत 'पद्मावत' पर आधारित है. इस फिल्म में इतिहास से कोई छेड़खानी नहीं की गई है.
फिल्म निर्माताओं ने फिल्म में पांच बदलाव करने के बाद इसका यू/ए प्रमाण पत्र कायम रखते हुए 25 जनवरी को इसे रिलीज करने का फैसला किया. गुजरात, राजस्थान और हरियाणा सरकार ने इसकी रिलीज पर प्रतिबंध लगाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी को फिल्म को राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज करने का आदेश देकर तीनों राज्यों में लगा प्रतिबंध हटा दिया.
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कालवी ने कहा कि राजस्थान और गुजरात के फिल्म वितरकों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इन राज्यों में फिल्म रिलीज नहीं की जाएगी. कल्वी ने उनके प्रति आभार जताया. उन्होंने लोगों से फिल्म देखने नहीं जाने की अपील की. उन्होंने कहा कि फिल्म के विरोध में लोग हड़ताल करें.
उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी और गीतकार जावेद अख्तर को 'जयपुर साहित्य उत्सव' में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.