इस रेयर बीमारी से जूझ रहे हैं Varun Dhawan, बोले- 'बहुत चैलेंजिंग टाइम रहा, काम पर जाने के लिए खुद को धकेलता था'
Varun Dhawan: 'भेड़िया' एक्टर वरुण धवन एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. एक्टर ने खुद इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी की वजह से उन्हें शट डाउन महसूस होने लगा था.
Varun Dhawan Disease: बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन (Varun Dhawan) इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म भेड़िया (Bhediya) को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं. इस फिल्म में वरुण के लुक ने सभी को हैरान कर दिया है. फिल्म का ट्रेलर भी रौंगटे खड़े कर देने वाला है. फिल्म में वरुण के साथ कृति सेनन (Kriti SAnon) भी लीड रोल में हैं. ये फिल्म 25 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इन सबके बीच वरुण धवन ने ऐसा खुलासा किया है कि सभी हैरान रह गए हैं. दरअसल एक्टर ने अपनी एक बीमारी के बारे में बताया और कहा कि इस वजह से उन्हें काम से भी ब्रेक लेना पड़ा था.
वरुण धवन ने अपनी बीमारी के बारे में किया खुलासा
वरुण धवन ने एक इंडिया टुडे के इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है कि वह वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से जूझ रहे हैं. एक्टर ने कहा कि जब उन्हें अपनी बीमारी के बारे में पता चला तो वे शॉक्ड रह गए. इस बीमारी से उबरना उनके लिए काफी चैलेंजिंग था. उन्हें शट डाउन महसूस होने लगा था. वहीं कोविड-19 के बाद जब उन्होंने काम पर लौटना चाहा तो ये फेज उनके लिए काफी चैलेंजिंग रहा. वरुण कहते हैं कि जब आप घर के दरवाजे खोलते हैं तो क्या आपको भी लगता है कि हम उस चूहे की दौड में शामिल होने जा रहे हैं जो घर के बाहर चल रही है. ‘जुग-जुग जियो’ के लिए मुझे खुद पर दबाव डालना पड़ा था मैं खुद को धकेलता था और उस समय ऐसा लगता था जैसे मैं किसी इलेक्शन में पार्टिसिपेट कर रहा हूं. मुझे नहीं पता था कि मैं इतना स्ट्रेस और प्रेशर में क्यो था.
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वरुण धवन दुनिया में आने का मकसद तलाश रहे हैं
वरुण धवन आगे कहते हैं कि हालांकि मै कुछ ही दिनों में अपनी बीमारी का आदी भी हो गया. फिर मैंने सोचा कि बैलेंस जरूर है इसके बाद मैंने खुद को पुश किया. मुझे ये लगता है कि हम इस दुनिया में किसी ना किसी मकसद से आए हैं. मैं उसी मकसद की तलाश में हूं.
क्या होती है वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन बीमारी
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन बीमारी जिस किसी को भी होती है उसके कान के अंदर का बैलेंस सिस्टम बिगड़ जाता है. बता दे कि कान के भीतर वेस्टिबुलर सिस्टम हमारी आंख के साथ वर्क करता है ये हमारी मसल्स को बैलेंस करता है. अगर ये गड़बड़ा जाए तो कान से सुनाई देने वाली चीजें दिमाग तक सही तरीक से नहीं पहुंचती हैं. इस कंड़ीशन में मरीज को काफी परेशानी होती है यहां तक कि उसे चक्कर आने लगते हैं.