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मन की आवाज सुनकर फिल्में चुनती हूं : भूमि पेडनेकर
अभिनेत्री ने कहा कि वह नहीं जानतीं कि उनके करियर के लिए क्या अच्छा और क्या बुरा हो सकता है.
नई दिल्ली: अभिषेक चौबे द्वारा निर्देशित आगामी फिल्म 'चंबल' की नायिका भूमि पेडनेकर का कहना है कि वह फिल्में चुनने के मामले में अपने मन की आवाज सुनती हैं. भूमि ने पहली फिल्म 'दम लगा के हईशा' को हिंदी की सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. इसके बाद आई उनकी फिल्म 'टॉयलेट : एक प्रेम कथा' और 'शुभ मंगल सावधान' को भी सराहा गया.
यह पूछे जाने पर कि उनकी आगामी फिल्म 'चंबल' क्या उनकी सादगी वाली छवि को तोड़ेगी? इस पर उन्होंने कहा, "मैने कभी किसी छवि को तोड़ने की कोशिश नहीं की. मैं ऐसी अभिनेत्री नहीं हूं जो यह देखकर फिल्में चुनती हो कि अब मैं रोमांटिक, शहरी, या थ्रिलर फिल्म करूंगी. जब मैं फिल्म की पटकथा पढ़ती हूं तो अपने मन की आवाज सुनती हूं."
अभिनेत्री ने कहा कि वह नहीं जानतीं कि उनके करियर के लिए क्या अच्छा और क्या बुरा हो सकता है.
उन्होंने कहा, "मैं पटकथा पढ़ती हूं और अगर किरदार और फिल्म मुझे पसंद आती है तो मैं इसका हिस्सा बनने के लिए तैयार रहती हूं."
भूमि ने कहा, "मैं जानती हूं कि यह (चंबल) मेरे लिए चुनौतीपूर्ण और मुश्किल फिल्म भी होगी. मैं इसके लिए उत्साहित हूं."
फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत भी हैं.
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