नई दिल्ली: अभिनेता संजय दत्त पर आधारित बायोपिक के पोस्ट प्रोडक्शन की प्रक्रिया में व्यस्त फिल्मकार राजकुमार हिरानी ने कहा कि बायोपिक तब और अधिक दिलचस्प हो जाती हैं, जब उसे काल्पनिक प्रारूप (फिक्शनल फॉरमेट) में परोसा जाए. हिरानी ने 'फिल्म्सफॉरचेंज' नामक अभियान की शुरुआत में यह बात कही. यह गुड पिच इंडिया और भारतीय डाक्यूमेंट्री फाउंडेशन द्वारा आयोजित है. वह बुधवार को नंदिता दास, नसीरुद्दीन शाह, राहुल ढोलकिया और जावेद जाफरी जैसे फिल्मकारों के साथ उपस्थित हुए.

हिरानी, अभी संजय के जीवन पर फिल्म बना रहे हैं. बीबीसी ने वर्ष 1996 में विवादास्पद अभिनेता के जीवन पर 'टू हेल एंड बैक' नामक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी संजय दत्त के जीवन पर फिल्म के बजाय डॉक्यूमेंट्री  बनाने के बारे में सोचा था. इस पर हिरानी ने कहा, "कुछ विषय ऐसे होते हैं जो फिक्शनल फॉरमेट में अच्छे लगते हैं तो कुछ विषय डॉक्यूमेंट्री में अधिक दिलचस्प होंगे."




उन्होंने कहा, "'पीके' एकमात्र ऐसी फिल्म थी जिसमें मैंने उल्टी शुरुआत की, जहां मैं भगवान और धर्म के बारे में बात करना चाहता था, लेकिन उस फिल्म को बनाने की यात्रा में मुझे अहसास हुआ कि मैं इसके बारे में बहुत कम बात कर रहा हूं. भगवान और धर्म के बारे में बात करने के लिए इतना कुछ है कि आप इसे एक काल्पनिक प्रारूप में पर्याप्त रूप से नहीं कह सकते."

हिरानी की 'संजू' नामक आगामी फिल्म संजय दत के जीवन पर आधारित है. यह विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्मित है. फिल्म 29 जून को रिलीज होगी.