Birth Anniversary Mehmood: हिंदी सिनेमा में महमूद की छवि कुछ अलग ही थी, उन्होंने अपने कमाल के सेंस ऑफ ह्यूमर को फिल्मों में दिखाया और कॉमेडी के बेताज बादशाह बन गए थे. महमूद ने ढेरों फिल्में और कई फिल्मों का निर्देशन भी किया. उनकी फिल्में हिट होती थीं और उनके काम को हमेशा पसंद किया गया. लेकिन जब उनका निधन हुआ तो फैंस काफी दुखी भी हुए थे.
महमूद ने अपने फिल्मी सफर में ढेरों फिल्में कीं थीं लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी पहली फिल्म कौन सी थी? महमूद को पहला मौका किसने दिया था और फिल्मी करियर को बेहतरीन तरीके से कैसे आगे बढ़ाना है ये महमूद ने किससे सीखा था चलिए यहां सबकुछ बताते हैं.
महमूद का फैमिली बैकग्राउंड
29 सितंबर 1932 को महमूद का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. महमूद अपने पैरेंट्स के 8 बच्चों में दूसरे नंबर के बच्चे थे. महमूद ने दो शादियां की थीं जिनमें से पहली 1953 में मधु नाम की लड़की से की थी जिनसे 1967 में अलग हो गए थे. महमूद ने दूसरी शादी ट्रेसी अली से की थी जो आखिर तक साथ रहीं. दोनों से महमूद को 7 बच्चे हैं जिनके नाम लकी अली, पकी अली, मंसूर अली, बेबी गिन्नी, मैकी अली, मंजूर अली और मासूम अली हैं.
महमूद को पहला मौका किसने दिया था?
साल 1943 में आई फिल्म किस्मत जिसमें अशोक कुमार लीड रोल में थे उन्होंने महमूद को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम दिया था. महमूद बचपन से चुलबुले रहे हैं और उनकी इसी हरकत ने अशोक कुमार को हंसाया तभी उन्होंने अपनी फिल्म में उन्हें पहला मौका दिया. बड़े होने के बाद महमूद 'दो बीघा जमीन' और 'सीआईडी' जैसी फिल्मों में नजर आए लेकिन इन्हें पहचान 'प्यासा' जैसी फिल्म से मिली.
महमूद की जबरदस्त फिल्में
महमूद ने अपने लगभग 50 साल के फिल्मी करियर में 200 के आस-पास फिल्में कीं जिनमें से कुछ का डायरेक्शन और प्रोडक्शन महमूद ने संभाला था. महमूद की लोकप्रिय फिल्मों में 'पड़ोसन', 'कुंवारा बाप', 'बॉम्बे टू गोवा', 'साधु और शैतान', 'गुमनाम', 'मैं सुंदर हूं', 'वरदान', 'मेहरबान', 'जुगनू', 'नील कमल', 'नौकर', 'कंगन' जैसी तमाम फिल्में शामिल हैं. आखिरी बार महमूद 'अंदाज अपना अपना' (1994) में नजर आए थे जिसमें सलमान खान और आमिर खान लीड रोल में नजर आए थे.
महमूद का निधन कैसे हुआ था?
महमूद अली की तबीयत 1998 के आस-पास पहली बार खराब हुई थी. जब उनकी बायपास सर्जरी हुई और इसके बाद उन्हें सांस की बीमारी रही. काफी समय तक उन्हें ऑक्सीजन का सिलेंडर लगा रहा और वो उसे साथ लेकर चलते थे. दूरदर्शन पर एक इंटरव्यू के दौरान महमूद ने कहा था कि वो काफी तकलीफ में रहते हैं लेकिन फिर भी उन्हें खुशी है कि उन्होंने अपना कर्म किया और अब उन्हें अल्लाह से मिलना है. 23 जुलाई 2004 को महमूद के निधन की खबर आई जब वो यूएसए में थे.
यह भी पढ़ें: IIFA Awards 2024: आईफा में शाहरुख खान और विक्की कौशल का धमाल, अलग-अलग सितारों ने भी दी जबरदस्त परफॉर्मेंस