Ghanashyam Nayak Birth Anniversary: कभी 24 घंटे काम करके सिर्फ तीन रुपये कमाते थे घनश्याम नायक, ऐसे पूरी हुई थी नट्टू काका की आखिरी इच्छा
Ghanashyam Nayak: तारक मेहता के नट्टू काका इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उनकी यादें अब भी फैंस के दिलों में ताजा हैं. आज घनश्याम नायक की बर्थ एनिवर्सरी है तो उनके किस्से से रूबरू होते हैं.
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Ghanashyam Nayak Unknown Facts: 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सीरियल के सभी कलाकार अपने आप में खास हैं, क्योंकि हर कलाकार ने अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता. इनमें से एक नट्टू काका यानी घनश्याम नायक भी थे, जो भले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन आज भी फैंस की आंखों को नम कर देते हैं. आज घनश्याम नायक की बर्थ एनिवर्सरी है तो इस मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी के संघर्ष और आखिरी ख्वाहिश से रूबरू करा रहे हैं.
ऐसा रहा नट्टू काका का करियर
12 मई 1944 के दिन गुजरात के उंधई गांव में जन्मे घनश्याम नायक ने साल 1960 के दौरान रिलीज हुई फिल्म 'मासूम' से बतौर बाल कलाकार अपने अभिनय के सफर की शुरुआत की थी. उनके पिता गुजराती म्यूजिक निर्देशक रंगलाल नायक थे, जिसके चलते घनश्याम को बचपन से ही रंगमंच का माहौल मिला और उन्होंने महज सात साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रख दिया. इसके बाद उन्होंने थिएटर भी किया, लेकिन 'नट्टू काका' बनने तक का उनका सफर आसान नहीं था. अपने 57 साल के करियर में घनश्याम नायक ने 100 से ज्यादा गुजराती नाटकों और 350 से अधिक हिंदी-गुजराती फिल्मों में काम किया.
जब बदहाली में गुजरी जिंदगी
घनश्याम नायक बेहद मंझे हुए कलाकार थे, लेकिन उनकी जिंदगी में ऐसा भी दौर रहा, जब उनके पास बच्चों की फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे. आलम यह था कि दिनभर मेहनत करने के बाद भी उन्हें सिर्फ तीन रुपये मिलते थे. ऐसे में वह अक्सर अपने दोस्तों से मदद मांगते रहते थे. बता दें कि नट्टू काका बनने से पहले घनश्याम नायक ने कई कलाकारों के साथ काम किया. उन्होंने 'हम दिल दे चुके सनम' में ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ भवई अभिनेता की भूमिका निभाई थी. गौरतलब है कि घनश्याम नायक गाने भी गाते थे. उन्होंने आशा भोसले और महेंद्र कपूर के साथ 12 से ज्यादा गुजराती फिल्मों में गाने गाए.
नट्टू काका से जिंदगी में आया ठहराव
एक जमाने में पाई-पाई के लिए मोहताज रहने वाले घनश्याम नायक को कड़ी मेहनत के चलते नट्टू काका का किरदार मिला. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस किरदार के लिए उन्हें प्रति एपिसोड करीब 30 हजार रुपये मिलते थे, जिससे उनकी जिंदगी में ठहराव आया. हालांकि, कोरोना लॉकडाउन के दौरान सीरियल की शूटिंग रोक दी गई और घनश्याम नायक भी शो में काफी समय तक काम नहीं कर पाए थे.
ऐसे पूरी हुई थी आखिरी ख्वाहिश
बता दें कि कोरोना काल में घनश्याम नायक को कैंसर होने की जानकारी मिली. ऐसे में उन्होंने आखिरी इच्छा बताई थी कि वह तारक मेहता का उल्टा चश्मा की शूटिंग करते हुए आखिरी सांस लेना चाहते हैं. जब कैंसर की वजह से 3 अक्टूबर 2021 के दिन उनका निधन हुआ तो परिवार वालों ने उनका मेकअप करवाया. उन्होंने नट्टू काका बनकर ही इस दुनिया को अलविदा कहा था.
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