Sushma Seth Unknown Facts: जिस उम्र में कलाकार रिटायरमेंट के बारे में सोचने लगते हैं, उन्होंने उस वक्त सिनेमा की दुनिया में पहला कदम रखा. उनका अंदाज ऐसा रहा कि किसी की दादी बनीं तो किसी की नानी.. यकीनन बात हो रही है सुषमा सेठ की, जिनका करियर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं. 20 जून 1936 के दिन दिल्ली में जन्मी सुषमा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. बर्थडे स्पेशल में हम आपको उनकी जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं. 


जब फैंस ने की थी यह अपील


दिल्ली में जन्मी सुषमा सेठ की पढ़ाई-लिखाई भी इसी शहर में हुई. उन्हें एक्टिंग का स्वाद बचपन से ही लग गया था, क्योंकि उनका परिवार भी कला के क्षेत्र में रुचि रखता था. ऐसे में उन्होंने करीब 20 साल तक थिएटर किया. वहीं, कुछ समय बाद दूरदर्शन के सीरियल 'हम लोग' में कदम रख दिया. इस सीरियल में उन्होंने इमरती देवी का किरदार निभाया, जिससे वह दादी के रूप में मशहूर हो गईं. हालांकि, सीरियल की कहानी में एक ऐसा मोड़ था, जब दादी का किरदार खत्म हो रहा था. जब फैंस को यह बात पता चली तो उन्होंने दूरदर्शन को काफी चिट्ठियां लिखीं और दादी का किरदार खत्म नहीं करने के लिए कहा था. इस बात का जिक्र खुद सुषमा सेठ ने 'द कपिल शर्मा शो' में किया था.


42 की उम्र में हुआ सिनेमा में डेब्यू


सुषमा सेठ ने छोटे पर्दे पर पहचान बना ली थी, लेकिन फिल्मी पर्दे पर पहुंचने में उन्हें काफी वक्त लगा. 42 साल की उम्र में सुषमा सेठ को पहली फिल्म 'जुनून' (1978) मिली, जो श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी थी. इसके बाद सुषमा सेठ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. यह वह दौर था, जब निरुपा रॉय बूढ़ी और बेबस मां के तौर पर नजर आती थीं तो सुषमा सेठ ने अकड़ू और अमीर दादी या मां की छवि पेश की. इसके बाद उन्होंने 'सिलसिला', 'प्रेम रोग', 'तवायफ', 'नागिन', 'निगाहें', 'दीवाना', 'चांदनी', 'धड़कन', 'कभी खुशी कभी गम' और 'कल हो न हो' जैसी फिल्मों ने काम किया. वहीं, ऋषि कपूर से लेकर शाहरुख खान, अक्षय कुमार, ऋतिक रोशन, अनिल कपूर और प्रीति जिंटा समेत कई सितारों की दादी, मां और नानी के किरदार निभाए.


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