एक्सप्लोरर

बर्थडे स्पेशल: पैरेलल सिनेमा को मेनस्ट्रीम के बराबर खड़ा करने वाले हैं निहलानी

नई दिल्ली: गोविंद निहलानी भारतीय फिल्म जगत में एक जानामाना नाम हैं. अपनी उम्र के 74वें पड़ाव पर पहुंचे गोविंद को समानांतर फिल्मों को मुख्यधारा की फिल्मों के बराबर ला खड़ा करने और सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को बेहद सही तरीके से पर्दे पर उतारती अनोखी फिल्मों के निर्माण के लिए जाना जाता है. गोविंद ने 'आक्रोश', 'विजेता', 'अर्ध सत्य', 'रुकमावती की हवेली', 'द्रोहकाल', 'देव' और 'हजार चौरासी की मां' जैसी समानांतर और एपिक फिल्में बनाई हैं. उनकी फिल्मों को समीक्षकों और दर्शकों, दोनों ही वर्गो ने सराहा है. व्यावसायिक फिल्मों में कैमरामैन वी.के. मूर्ति के सहायक के रूप में काम करके जहां उन्हें तकनीकी कौशल हासिल करने का मौका मिला, वहीं श्याम बेनेगल जैसे मंझे हुए फिल्मकार के साथ काम करके उन्हें समानांतर सिनेमा के निर्देशन की बारीकियां सीखने में मदद मिली. करांची में 19 दिसंबर, 1940 को जन्मे गोविंद निहलानी का परिवार 1947 के बंटवारे के दौरान भारत आ गया था. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने विज्ञापन फिल्मों से की थी, जिसके बाद उन्हें प्रसिद्ध निर्देशक श्याम बेनेगल के साथ उनकी फिल्मों 'निशांत', 'मंथन', 'जुनून' में एक छायाकार के रूप में काम करने का मौका मिला. लेकिन उन्हें निर्देशक के रूप में अपना हुनर साबित करने का मौका 1980 में प्रदर्शित फिल्म 'आक्रोश' के जरिए मिला. सच्ची कहानी पर आधारित इस फिल्म की पटकथा मशहूर नाटककार विजय तेंदुलकर ने लिखी थी. निहलानी की इस फिल्म को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया था. अस्सी के दशक में जब गोविंद निहलानी की पहली फिल्म 'अर्धसत्य' आई थी, तो न सिर्फ तहलका मचा गई थी, बल्कि एक नया कीर्तिमान भी गढ़ गई थी. 'अर्धसत्य' में निहलानी ने अपने कैमरे और कहानी के माध्यम से जो तानाबाना बुना था, उसे आज भी एक खास मुकाम हासिल है. 'अर्धसत्य' ने अलग-अलग वर्गो में पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे. पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी आंदोलन पर आधारित उनकी फिल्म 'हजार चौरासी की मां' भी फिल्मी पायदान पर एक अलग उपलब्धि हासिल करने में सफल रही थी. इसी प्रकार उनकी फिल्म 'द्रोहकाल' ने भी दर्शकों और आलोचकों सभी का दिल जीत लिया था. मशहूर अभिनेता और निर्देशक कमल हासन ने 'द्रोहकाल' का तमिल रीमेक 'कुरुथीपुनल' भी बनाया था, जिसे बाद में 68वें एकेडमी अवॉर्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के तौर पर चुना गया. निहलानी की फिल्में ऐसी नहीं होतीं, जिन्हें आप देखें और देखकर भूल जाएं. अव्वल तो उनकी फिल्म का प्रभाव फिल्म खत्म होने के बाद शुरू होता है. उनके कैरेक्टर आमतौर पर बुद्धिमान, गंभीर और विश्वास से भरे नजर आते हैं तो वहीं उनके कई कैरेक्टरों के भीतर एक आग दिखाई देती है, समाज के प्रति आक्रोश दिखाई देता है. निहलानी रंगमंच को भी बॉलीवुड के समान ही बेहद ताकतवर माध्यम मानते हैं. उनका मानना है कि सिनेमा और रंगमंच दो बहनों की तरह हैं और बॉलीवुड के प्रभुत्व के बावजूद रंगमंच का अपना अलग स्थान और महत्व है. निहलानी को 'जुनून', 'हजार चौरासी की मां', 'तमस', 'आक्रोश', 'अर्धसत्य' और 'दृष्टि' के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें पांच फिल्मफेयर पुरस्कार और 2002 में नागरिक सम्मान 'पद्मश्री' से भी नवाजा जा चुका है.
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले डिप्टी CM पवन कल्याण
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले पवन कल्याण
एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह, वक्फ बोर्ड पर जानें क्या कहा?
एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह, वक्फ बोर्ड पर जानें क्या कहा?
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज...इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं Dharmendra, चोरी-चुपके जाते थे फिल्में देखने
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज, इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं धर्मेंद्र
IND vs BAN: टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Hindustan Shikhar Samagam: Jagat Singh को ऐसे मिली जंगली की उपाधी | ABP News'प्रकृति को बिना नुकसान किए कैसे स्वस्थ रहें' देवभूमि के 'गुमनाम नायकों' का खास Interview | ABP NewsGuru Randhawa ने किसे बनाया अपना Guru? बताया Punjabi Singers क्यों हैं Cars से Obsessed?Mishri: VOLTAGE Drama! Raghav की पीठ पर लगा चाकू, क्या सही समय पर उसकी जान बचाएगी Mishri? | SBS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले डिप्टी CM पवन कल्याण
'ऐसा मस्जिद के साथ होता तो देश में फैल जाती अव्यवस्था', तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले पवन कल्याण
एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह, वक्फ बोर्ड पर जानें क्या कहा?
एक बार फिर पार्टी लाइन से हटकर बोले मंत्री विक्रमादित्य सिंह, वक्फ बोर्ड पर जानें क्या कहा?
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज...इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं Dharmendra, चोरी-चुपके जाते थे फिल्में देखने
न हेमा मालिनी, न तनुजा और न मुमताज, इस हीरोइन के दीवाने रहे हैं धर्मेंद्र
IND vs BAN: टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
टीम इंडिया ने दर्ज की बंपर जीत, तो कोच गंभीर ने कही बड़ी बात; रिएक्शन कर देगा हैरान
Coaching Fees: शिकायत करने वालों की वापस मिली 1 करोड़ रुपये कोचिंग फीस, जानिए क्या है मामला 
शिकायत करने वालों की वापस मिली 1 करोड़ रुपये कोचिंग फीस, जानिए क्या है मामला 
'कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड को दिया जमीन हड़पने का सर्टिफिकेट', गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
'कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड को दिया जमीन हड़पने का सर्टिफिकेट', गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
Eye Twitching: आंख फड़कने पर शुभ-अशुभ कई बार सोचा होगा, जानें किस विटामिन की कमी से होता है ऐसा?
आंख फड़कने पर शुभ-अशुभ नहीं, हो सकती है इस विटामिन की कमी
छोटी मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स में कहीं आप भी तो नहीं खा रहे दवाइयां, ज़रा ठहर जाएं, जान लें कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं आप
छोटी मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स में खा रहे हैं दवाइयां तो जान लें इसके नुकसान
Embed widget