Hariharan Unknown Facts: 3 अप्रैल 1955 के दिन केरल के त्रिवेंद्रम में जन्मे हरिहरन और संगीत का साथ चोली-दामन जैसा रहा. दरअसल, हरिहरन को बचपन से ही संगीत की घुट्टी मिली, क्योंकि उनकी मां अलामेलु मशहूर कन्नड़ गायिका थीं. वहीं, पिता अनंत सुब्रमणि भी शास्त्रीय संगीत के जानकार थे. ऐसे में हरिहरन की संगीत की शिक्षा बचपन से ही शुरू हो गई थी.


इस कॉम्पिटिशन से मिला मंच
बता दें कि हरिहरन ने माटुंगा के डॉन बॉस्को में 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. हरिहरन को असली मंच सिंगिंग शो 'ऑल इंडिया सुर सिंगार कॉम्पिटिशन' से मिला. दरअसल, उन्होंने साल 1977 में यह कॉम्पिटिशन जीता, जिसके बाद वह मशहूर हो गए. इस शो के दौरान दिवंगत म्यूजिक डायरेक्टर जयदेव ने उनकी सुरीली आवाज सुनी और उन्हें बतौर सिंगर साइन कर लिया. इसके बाद हरिहरन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1996 के दौरान हरिहरन ने लेस्ले लुईस के साथ दो मेंबर का बैंड बनाया. इस बैंड को 'कॉलोनियल कजंस' नाम दिया गया.


बेटा-बेटी के साथ की जुगलबंदी
गौरतलब है कि हरिहरन और लेस्ले लुईस की जोड़ी ने कई भाषाओं में बेहतरीन म्यूजिक दिया. इसके अलावा उन्होंने एआर रहमान, उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान, लता मंगेशकर, आशा भोंसले और मेहंदी हसन के साथ जोड़ी बनाई. बता दें कि हरिहरन को ट्रैवलिंग और किताबें पढ़ना काफी पसंद है. इसके अलावा उन्होंने साउथ इंडियन और इटैलियन खाना भी काफी भाता है. हरिहरन की तरह उनके बच्चे भी म्यूजिक इंडस्ट्री में काम करते हैं. वह अपने बेटे अक्षय हरिहरन और बेटी लावण्या हरिहरन के साथ भी जुगलबंदी कर चुके हैं.


अब तक गा चुके इतने गाने
बता दें कि हरिहरन ने कभी 'तू ही रे' गाकर लोगों का दिल जीता तो कभी 'रोजा जानेमन' से महफिल अपने नाम कर ली. दरअसल, अपनी गायकी से फैंस पर अपना जादू चलाने वाले हरिहरन गजल सिंगर भी हैं. उन्होंने 500 से ज्यादा तमिल गाने गए तो करीब 200 हिंदी गानों को अपनी आवाज दी. पद्मश्री से सम्मानित होने वाले हरिहरन दो बार नेशनल अवॉर्ड्स भी जीत चुके हैं.


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