मुंबई: आज बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का जयंती है. 1942 में आज ही के दिन राजेश खन्ना का जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था. राजेश खन्ना ने अपने दौर में शोहरतों का वो मुकाम हासिल किया जिसका कई स्टार्स ने सिर्फ ख्वाब ही देखा. कहा जाता है एक वक्त राजेश खन्ना की शोहरत का ये आलम था कि जिस जगह से उनकी कार गुजरती थी, वहां मौजूद बहुत सी लड़कियां उस जगह की धूल उठाकर अपनी मांग में भर लिया करती थीं.


मजह 1500 वोट से आडवाणी से चुनाव हार गए थे राजेश खन्ना


राजेश खन्ना ने राजनीति में भी अपना करियर आजमाया था. 90 के दौर में कांग्रेस ने बीजेपी के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी के खिलाफ नई दिल्ली से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा था. तब वो महज 1500 वोट से चुनाव हार गए थे. हालांकि हवाला कांड में नाम आने के बाद आडवाणी ने संसद से त्याग पत्र दे दिया था. जिसके बाद वहां पर उपचुनाव हुए और इस बार उनका मुकाबला बॉलीवुड के स्टार शत्रुघ्न सिन्हा से था. इस उपचुनाव में राजेश खन्ना ने जीत दर्ज की थी. कहा जाता है इसके बाद उन्होंने मजाक में कहा था कि आज बॉलीवुड के हीरो ने विलेन का हरा दिया.


ऐसे खुला था राजेश खन्ना के लिए फिल्मों का दरवाजा


राजेश खन्ना जीवन भर ये मानते रहे कि वो जो भी हैं वो सिर्फ थिएटर के कारण हैं. उन्हें उनकी लाइफ का पहला रोल भी थिएटर में मिला था. 1965 यूनाईटेड प्रोड्यूसर्स फिल्मफेयर टैलेंट कॉन्टेस्ट में उन्होंने भाग लिया. इस कॉन्टेस्ट में 10 हजार से भी ज्यादा लड़कों ने हिस्सा लिया था. राजेश खन्ना ने यह कॉन्टेस्ट जीता था और उसके बाद वो इतना आगे बड़े की उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक वक्त में उनके लिए कहा जाने का लगा था कि 'ऊपर आका है और नीचे काका है'.


मौत से पहले रिकॉर्ड किया था संदेश


1969 से लेकर 1974 तक के दौर को उनके जीवन का सबसे हसीन दौर माना जाता है. हालांकि कहा ये भी जाता है कि कभी शोहरत के सातवें आसमान पर चमकने वाला ये सितारा अपने आखिरी वक्त में काफी तन्हा हो गया था. अपने आखिरी मैसेज में भी उन्होंने कहा था, "हमेशा भविष्य के बारे में सोचना पड़ता है जो वक्त गुजर गया उसके बारे में क्या सोचना, लेकिन जब जाने पहचाने चेहरे अनजान सी एक महफिल में मिलते हैं, तो यादें फिर लौट आती हैं."


राजेश खन्ना ने मौत से कुछ वक्त पहले आखिरी संदेश रिकॉर्ड किया था. जिसे उनकी बेटियों (ट्विंकल और रिंकी) ने उनकी शोक सभा में सुनाया था. जिसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए थे.


राजेश खन्ना के बारे में ये भी कहा जाता है कि उनसे मिलने के लिए फिल्म निर्माताओं की लाइन लगी रहती थी. बताया जाता है एक बार वो बीमार हो गए थे तब बहुत से फिल्म निर्माताओं ने उनके कमरे के आसपास के कमरे बुक कर लिए थे, ताकि वो उन्हें अपनी फिल्म की कहानी सुना सकें. ये उनकी शख्सियत का ही कमाल था की उन्हें भारत का पहला सुपरस्टार माना गया.