Happy Birthday Anurag Kashyap: फिल्मी दुनिया लोगों के काफी करीब होती है, फिल्मी किरदार उनकी जिंदगी उस रूपक की तरह होते हैं जिन्हें लोग असल जिंदगी में जीते हैं. फिल्म 'गैस्स ऑफ वासेपुर' के किरदर 'फैज़ल खान' का नाम जब भी जेहन में आता तो अनुराग कश्यप की याद अपने आप ही आ जाती है. इस फिल्म के डायलॉग्स क्राइम सिनेमा जॉनर को पसंद करने वाले जुबान पर ही रहता है. अनुराग कश्यप ने अपनी पैरेलल फिल्मों के जरिए बॉलीवुड के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ी है. वेब सीरीज के दौर में उन्होंने देश में अब तक की सबसे चर्चित वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' का भी निर्माण किया है.



अनुराग ने अपनी फिल्मों में हर तरह के कलाकारों के साथ काम किया है, जिनमें- रनबीर कपूर, अनुष्का शर्मास, सैफ अली खान, नावाजुद्दीन सिद्दीकी, हुमा कुरैशी और पंकज त्रिपाठी जैसे नाम शामिल हैं. उन्होंने उन कलाकारों के साथ ज्यादा काम किया जो लोगों में लोकप्रिय नहीं थे और ये कहने कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अनुराग की फिल्मों में नजर आने के बाद उन कलाकारों को आज दुनिया जानने लगी है. हुमा कुरैशी और पंकज त्रिपाठी शायद आज भी अपने असली नाम से ज्यादा अनुराग की फिल्मों में निभाए गए किरदार के तौर पर ज्यादा पहचाने जाते हैं.


अपनी कहानियों को बनाने के दौरान वे हर बारीकियों को ध्यान रखते हैं और समाज व्याप्त उन सवालों को अपनी कहानियों में उठाने उन्हें भरपूर आंनद आता है. कला की इन विधाओं में अपनी अगल पहचान बनाने वाले इस कलाकार का जन्म आज के दिन यानी 10 सिंतबर 1972 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ था.



अनुराग अपनी फिल्मों के चलते कैसे बॉलीवुड के उन शानदार निर्देशकों में गिने जाने लगे इस बारे में जिक्र करना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि समानांतर सिनेमा और संवेदनशील मुद्दों को लेकर अपनी कहानी में प्रयोग करते की आदत ही उन्हें अलग निर्देशकों की लिस्ट में ला खड़ा कर देती है. उन्हें इस बात का कभी फर्क नहीं पड़ा उनकी उनकी फिल्में कमर्शियली 100 करोड़ की क्लब में शामिल होती हैं या नहीं. हालांकि, उन्होंने प्रयोगों के तौर पर कई तरह के प्रयोग भी किए हैं. एक अनुशासित प्रिंसिपल की तरह वे अपनी फिल्मों में कलाकारों से काम करवाते हैं. वे बतौर निर्देशक अपनी फिल्मों में कालाकारों के साथ भी खूब मेहनत करते हैं.


फिल्मी सफर


अनुराग कश्यप का फिल्मी सफर उनकी फिल्मों की देर ही सही लेकिन एक शानदार नींव की तरह कायम हुआ. 1998 में अभिनेता मनोज बाजपेयी ने निर्देशक राम गोपाल वर्मा को फिल्म लिखने के लिए उनका नाम सुझाया. वर्मा ने कश्यप को सौरभ शुक्ला (1998) की स्क्रिप्ट लिखने के लिए सौरभ शुक्ला के साथ उन्हें काम पर रखा. सत्या एक कमर्शियली हिट साबित हुई, और इसे भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है. बाद में उन्होंने वर्मा के साथ फिल्म 'कौन' (1999) की स्क्रिप्टिंग और शूल (1999) के डायलॉग्स लिखने में सहयोग किया. 1999 में उन्होंने एक छोटी फिल्म बनाई, जिसका टाइटल 'लास्ट ट्रेन टू महाकाली टेलिविज़न' था.



बतौर निर्देशक उनका अभी तक का फिल्मी करियर शानदार रहा है. उनका नाम साल 2007 में आई फिल्म 'ब्लैक फ्राइडे' से चर्चा में आया, ये फिल्म काफी विवादित भी रही है. अनुराग ने लीक से हट कर देव डी, बॉम्बे टॉकीज, अगली, बॉम्बे वेलवेट और रमन राघव 2.0 जैसी फिल्में भी बनाईं. उनकी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर की सीरीज को क्राइम फिल्मों में भारतीय वर्जन की कल्ट फिल्म मानी जाती है.


पर्सनल लाइफ


उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी दिलचस्प है, अनुराग कश्यप ने पहली शादी फिल्म एटिटर आरती बजाज से की थी, जिनसे उनकी एक बेटी है. 2009 में उनका तलाक हो गया. बाद में उन्होंने अभिनेत्री कल्कि कोचलिन से शादी की, जिनसे पहली मुलाकात फिल्म 'देव डी' को बनाने के दौरान ऊटी में हुई थी. 2013 में कश्यप और कोचलिन ने घोषणा की कि वे अब एक दूसरे से अलग हो रहे हैं. मई 2015 में उनकी राहे अलग हो गईं और उनका तलाक हो गया.



वह एनजीओ आंगन के सदस्य के रूप में भी काम करते हैं, जो भारत भर में कमजोर बच्चों की मदद करता है. जब उनके धार्मिक विचारों के बारे में पूछा गया, तो कश्यप ने कहा, "मैं एक नास्तिक हूं. सिनेमा एकमात्र ऐसा धर्म है जिस पर मुझे विश्वास है."