Neha Kakkar Unknown Facts: कामयाबी पाने का तरीका किसी किताब में नहीं लिखा होता. यहां सिर्फ आपको अपने हौसले को साबित करना होता है और जीत आपके कदमों में होती है. सिनेमा की दुनिया की मशहूर सिंगर नेहा कक्कड़ ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया. नेहा वह शख्स हैं, जिन्हें अपनी सांसों के लिए भी संघर्ष करना पड़ा था. बचपन गरीबी में गुजरा और जगराते में भजन गाते-गाते जवानी की दहलीज तक पहुंचीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. आज वह उसी शो को जज करती हैं, जिसमें कभी उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था. आज नेहा कक्कड़ का बर्थडे है तो हम आपको उनकी जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं.
'सांसों' के लिए भी किया संघर्ष
6 जून 1988 के दिन उत्तराखंड के ऋषिकेश (उस वक्त उत्तर प्रदेश का हिस्सा था) में जन्मी नेहा कक्कड़ की पहचान बताने के लिए आज शब्दों की जरूरत नहीं होती है. हालांकि, कामयाबी यह शिखर छूने से पहले उन्हें संघर्षों का पहाड़ पार करना पड़ा. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा खराब थी कि उनकी मां उन्हें जन्म तक नहीं देना चाहती थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. नेहा न सिर्फ इस दुनिया में आईं, बल्कि बुलंदियों पर पहुंचकर सितारों-सी चमक भी उठीं.
चार साल की उम्र में गाने लगी थीं भजन
जब बच्चों के खेलने-कूदने की उम्र होती है, उस वक्त नेहा ने अपने सपनों को साकार करने की मशक्कत शुरू कर दी थी. दरअसल, वह महज चार साल की उम्र से ही जगरातों में भजन गाने लगी थीं. उस वक्त परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा खराब थी कि सभी सदस्य एक कमरे में रहते थे और टेबल के ऊपर किचन बनाया गया था. यह कमरा भी किराए पर था.
जिस शो में हुईं रिजेक्ट, उसे ही किया जज
जगरातों में भजन गाकर नेहा को आस-पड़ोस के इलाकों में मशहूर हो गई थीं, लेकिन मुकाम हासिल करना बाकी था. दरअसल, नेहा ने इंडियन आइडल 2 में पार्टिसिपेट किया था, जिसमें जज अनु मलिक ने उन्हें शो में रिजेक्ट कर दिया था. इससे नेहा का हौसला नहीं टूटा और वह लोकप्रिय होती चली गईं. आज वह अनु मलिक के साथ उसी शो को जज करती हैं, जिसमें उन्हें रिजेक्ट किया गया था.