Shankar Mahadevan Birthday: 'मां' से 'कजरारे-कजरारे' तक, एकदम अलहदा है शंकर महादेवन के गानों का ताप
Shankar Mahadevan Birthday: उनकी आवाज में जादू है. उनका अंदाज इतना बेहतरीन है कि संगीत जगत के दिग्गज भी उनकी तारीफ करते हैं. बात हो रही है शंकर महादेवन की, जिनका काम करने के तरीके का हर कोई मुरीद है.
Shankar Mahadevan Birthday: बात शंकर महादेवन की हो तो जुबां पर सबसे पहले ब्रीथलेस का नाम आता है. एक ऐसा गाना, जिसके लिए उन्होंने 3 मिनट तक सांस रोक ली थी. आलम यह रहा कि जिसने भी यह गाना सुना, वह हैरान रह गया. इसी गाने ने शंकर महादेवन को सुपरस्टार बना दिया. हालांकि, उनके तरकश में तमाम ऐसे तीर हैं, जो दिल को छू जाते हैं. वह कई ऐसे गाने गा चुके हैं, जिनका ताप ही अलहदा है.
दिग्गज भी कर चुके तारीफ
3 मार्च 1967 के दिन मुंबई के चेंबूर में जन्मे शंकर महादेवन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उस्ताद जाकिर हुसैन, उस्ताद अमजद अली खान, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया, पंडित जसराज और पंडित शिव कुमार शर्मा जैसे दिग्गज भी शंकर महादेवन के गानों के मुरीद हैं और खुलेआम उनकी तारीफ कर चुके हैं. वहीं, किशोरी अमोनकर ने तो शंकर महादेवन को अपने घर बुलाया था और तारे जमीं पर फिल्म का गाना 'मां' गाने के लिए कहा था.
बचपन से था संगीत की तरफ रुझान
शंकर महादेवन की शुरुआती पढ़ाई मुंबई में ही हुई. इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की, लेकिन बचपन से ही उनका रुझान संगीत की तरफ था, जो बड़े होने पर भी बरकरार रहा. यही पैशन शंकर के काफी काम आया और उन्हें कामयाबी मिलती चली गई.
‘ब्रीथलेस’ ने दिलाई पहचान
1998 में शंकर महादेवन की पहली एल्बम ब्रीथलेस आई थी, जिससे उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने यह गाना तीन मिनट तक सांस रोककर गाया था, जिसमें उनकी जान तक जाते-जाते बची थी. कामयाबी मिलने के बाद उन्होंने अपने दो दोस्तों एहसान और लॉय के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाया और संगीत को नया मुकाम दिया.
चार बार जीता नेशनल अवॉर्ड
शंकर महादेवन ने साल 2011 में अपने ही नाम से ऑनलाइन अकैडमी शुरू की, जिसके माध्यम से वह दुनिया भर के छात्रों को संगीत की शिक्षा देते हैं. उन्होंने एआर रहमान के साथ तमिल फिल्म ‘कांदोकंदनीं-कांदोकंदनीं’ में गाना गाया था, जिसके लिए उन्हें पहला नेशनल अवॉर्ड मिला था. बता दें कि वह चार बार नेशनल अवॉर्ड, तीन बार बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर अवॉर्ड और एक बार बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड जीत चुके हैं. आइटम सॉन्ग गाने में भी शंकर महादेवन का कोई तोड़ नहीं है. कजरारे-कजरारे इसका एक उदाहरण है. वहीं, 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप का थीम सॉन्ग भी शंकर महादेवन ने अपने दोनों दोस्तों अहसान और लॉय के साथ मिलकर तैयार किया था.
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