Sulakshana Pandit Love Story: शोले के ठाकुर को दिल दे बैठी थीं सुलक्षणा, जिंदगी भर करती रहीं एक चुटकी सिंदूर का इंतजार
Sulakshana Pandit: वह बेहद टैलेंटेड थीं. तमाम फिल्मों में अपना लोहा मनवाया था. फिर उन्हें इश्क हुआ और सबकुछ खत्म हो गया. बात हो रही है सुलक्षणा पंडित की.
Sulakshana Pandit Unknown Facts: फिल्में जितनी दिलचस्प होती हैं, उससे ज्यादा दिलचस्प इन फिल्मों में काम करने वाले सितारों की जिंदगी होती है. बीते जमाने की सिंगर और बेहद टैलेंटेड अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित की जिंदगी भी ऐसी ही रही. उनका करियर काफी अच्छे दौर से गुजर रहा था, फिर उन्हें एकतरफा इश्क हो गया और सबकुछ खत्म हो गया. बर्थडे स्पेशल में हम आपको सुलक्षणा पंडित की लव स्टोरी से रूबरू करा रहे हैं.
9 साल की उम्र से गाने लगी थीं गाने
सुलक्षणा का जन्म 12 जुलाई 1954 के दिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के मशहूर संगीत घराने में प्रताप नारायण पंडित के घर में हुआ था. यही वजह रही कि वह नौ साल की उम्र से ही संगीत के सुर गुनगुनाने लगी थीं. सुलक्षणा ने सबसे पहले लता मंगेशकर के साथ वर्ष 1967 में आई फिल्म 'तकदीर' का 'सात समंदर पार से, गुड़ियों से बाजार से...' गाना गाया था. इसके बाद उन्होंने हेमंत कुमार, किशोर कुमार जैसे दिग्गजों के साथ काम किया. आखिरी बार उनकी आवाज सलमान खान-मनीषा कोइराला स्टारर खामोशी द म्यूजिकल में सुनाई दी.
यूं लड़े थे संजीव कुमार से नैन
अपने जमाने की लोकप्रिय गायिका सुलक्षणा पंडित ने 1970 के दशक में कई हिट गानों को अपनी आवाज दी थी. वहीं, 1975 के दौरान उन्होंने संजीव कुमार के साथ फिल्म उलझन से अभिनय की शुरुआत की. फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें संजीव कुमार से एकतरफा प्यार हो गया, लेकिन संजीव कुमार तो हेमा मालिनी के दीवाने थे. हालांकि, सुलक्षणा ने कभी हार नहीं मानी और संजीव कुमार का इंतजार करती रहीं.
पूरी नहीं हुई सुलक्षणा की उम्मीद
यह वह दौर था, जब हेमा मालिनी से शादी करने के लिए संजीव कुमार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे थे. हालांकि, उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई और हेमा मालिनी के घरवालों ने इस रिश्ते से साफ इनकार कर दिया. इससे संजीव कुमार का दिल टूट गया और उन्होंने ताउम्र शादी नहीं करने का फैसला कर लिया. हालांकि, हेमा और संजीव कुमार का रिश्ता टूटने के मामले में सुलक्षणा को अपने लिए उम्मीद नजर आई. वह संजीव कुमार का इंतजार करती रहीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
संजीव कुमार के निधन से बिखर गईं सुलक्षणा
कहा जाता है कि संजीव कुमार के प्यार में सुलक्षणा इस कदर पागल थीं कि वह एक्टर के लिए खाना बनाकर फिल्म के सेट पर ले जाती थीं. हालांकि, संजीव कुमार का दिल कभी नहीं पिघला. जब 1985 में संजीव कुमार का निधन हुआ तो इस घटना से सुलक्षणा पूरी तरह टूट गईं. वह डिप्रेशन में चली गईं और फिल्मी दुनिया से भी धीरे-धीरे दूर हो गईं.