Sylvester Stallone Unknown Facts: बेशुमार पैसा, शोहरत और कामयाबी काफी लोग आसानी से हासिल कर लेते हैं, लेकिन उन्होंने इन चीजों को हासिल करने से पहले काफी संघर्ष किया. यहां तक कि अपनी सबसे अजीज चीज को भी दांव पर लगा दिया. बात हो रही है दुनिया के टॉप सेलेब्स में शुमार सिल्वेस्टर स्टैलोन की, जिनका भारत से भी खास कनेक्शन है. बर्थडे स्पेशल में हम आपको सिल्वेस्टर की जिंदगी के संघर्ष से रूबरू करा रहे हैं. साथ ही, उनके भारत और हिंदू रीति-रिवाज के प्रति आस्था वाले कनेक्शन की भी जानकारी दे रहे हैं. 


संघर्षों से घिरा रहा बचपन


सिल्वेस्टर स्टैलोन को आज दुनिया के टॉप सेलेब्स में गिना जाता है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी रहा, जब गरीब स्टैलॉन के पास गरीबी, भुखमरी और संघर्ष के अलावा कुछ नहीं था. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी तो खुद को साबित करते हुए वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसके बारे में लोग सपने में ही सोच पाते हैं. 6 जुलाई 1946 के दिन न्यूयॉर्क में जन्म सिल्वेस्टर जब पैदा हुए तो उनके चेहरे का निचला हिस्सा पैरालाइज्ड था. उनकी जीभ और ठोड़ी पर इसका असर आज भी दिखाई देता है. जब सिल्वेस्टर महज पांच साल के थे, तब वह अपने पिता के साथ वाशिंगटन डीसी चले गए. दरअसल, उस दौरान माता-पिता के बीच झगड़ों की वजह से उनका बचपन प्रभावित हो रहा था. वहीं, पैरालाइज्ड चेहरे की वजह से उन्हें स्कूल में भी काफी परेशानी होती थी. इसके चलते वह काफी चिड़चिड़े और झगड़ालू हो गए थे. आलम यह रहा कि चिड़चिड़ेपन, झगड़े और खराब ग्रेड के चलते उन्हें कई बार स्कूल से निकाला भी गया.


अपने अजीज पर भी लगा दिया दांव


जैसे-जैसे जिंदगी आगे का सफर तय कर रही थी, सिल्वेस्टर की लाइफ में संघर्ष बढ़ता जा रहा था. खराब हालात और पैसों की तंगी के चलते उन्हें घर से निकाल दिया गया. उस दौरान उन्होंने एक सॉफ्ट पोर्नोग्राफी फिल्म में काम किया, जिसके लिए करीब 200 डॉलर मिले. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और एक्टर बनने के लिए न्यूयॉर्क चले गए. हालांकि, उनके पैरालाइज्ड फेस और भारी आवाज पर कोई भी दांव खेलने के लिए तैयार नहीं हुआ. साल 1975 के दौरान जब सिल्वेस्टर मशहूर बॉक्सर मुहम्मद अली और चुक वैप्नर की फाइट देख रहे थे तो उन्हें अपनी जिंदगी का मकसद मिल गया. उन्होंने इस फाइट के बाद स्क्रिप्ट राइटिंग की दुनिया में कदम रखने की योजना बनाई और महज तीन दिन में फिल्म रॉकी की स्क्रिप्ट लिख डाली. हालांकि, इस स्क्रिप्ट पर फिल्म बनाने के लिए कोई तैयार नहीं था. कोई फिल्म तो बनाना चाहता, लेकिन सिल्वेस्टर को हीरो बनाने के लिए तैयार नहीं था. हालात इतने ज्यादा बिगड़ चुके थे कि सिल्वेस्टर ने अपने पालतू कुत्ते को 50 डॉलर में बेच दिया. इसके बाद जिस स्टूडियो ने सिल्वेस्टर पर दांव खेला, उसकी शर्त यह थी कि फिल्म बहुत कम बजट में बनाई जाए. सिल्वेस्टर को जैसे ही पहली किस्त मिली, वह अपने कुत्ते को वापस ले आए थे. 


रॉकी ने बदल दी किस्मत


साल 1976 में जब रॉकी रिलीज हुई तो सिल्वेस्टर रातोंरात स्टार बन गए. रॉकी बड़ी कमर्शियल हिट साबित हुई और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कलेक्शन किया. इसके अलावा ऑस्कर अवॉर्ड की रेस में भी फिल्म ने सबको पछाड़ दिया. एक के बाद एक फिल्म के पांच पार्ट रिलीज हुए. बता दें कि सिल्वेस्टर ऐसे तीसरे अभिनेता हैं, जिन्हें दो स्क्रीनप्ले अवॉर्ड मिले हैं. 


भारत से है सिल्वेस्टर का खास नाता


बता दें कि हॉलीवुड की फिल्मों का बड़ा नाम बन चुके सिल्वेस्टर स्टैलोन का भारत से भी खास नाता है. वह हिंदू रीति-रिवाज में भी विश्वास करते हैं. दरअसल, सिल्वेस्टर ने तीन शादी कीं, जिनसे उनके पांच बच्चे हुए. इनमें एक बेटे का निधन 35 साल की उम्र में हो गया था. कहा जाता है कि सिल्वेस्टर को उसकी आत्मा नजर आती थी. ऐसे में उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से अपने उस बच्चे का अंतिम संस्कार कराया था. इसके अलावा सिल्वेस्टर बॉलीवुड फिल्म कम्बख्त इश्क में भी नजर आ चुके हैं. 


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