Zarina Wahab Unknown Facts: 17 जुलाई 1959 के दिन आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में जन्मी जरीना वहाब आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. हालांकि, एक दौर ऐसा भी रहा, जब उन्हें इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल, सांवला रंग होने के कारण जरीना को कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. बर्थडे स्पेशल में हम आपको जरीना की जिंदगी के चंद किस्सों से रूबरू करा रहे हैं. 


ऐसे शुरू हुआ एक्टिंग का करियर


बता दें कि जरीना ने करियर की शुरुआत करने से पहले एक्टिंग की ट्रेनिंग ली थी. उन्होंने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. उनकी अदाकारी की लोग मिसाल देते थे, लेकिन पहला मौका पाने के लिए भी जरीना को काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ा. शुरुआत में उन्हें फिल्म गुड्डी में कास्ट किया गया, लेकिन बाद में यह किरदार जया बच्चन को मिल गया. जरीना को पहला मौका देव आनंद की फिल्म इश्क इश्क इश्क से मिला, जिसमें उन्होंने जीनत अमान की बहन का किरदार निभाया था. 


इन फिल्मों में दिखाया अपना दम


बता दें कि इश्क इश्क इश्क फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी, लेकिन जरीना के अभिनय को काफी सराहा गया था. हालांकि, जरीना वहाब को सिनेमा की दुनिया में असली पहचान फिल्म 'चितचोर' से मिली. राजश्री प्रोडक्शन की इस फिल्म में जरीना के काम की काफी सराहना हुई. इसके अलावा उन्होंने 'घरौंदा', 'अनपढ़', 'सावन को आने दो', 'नैया', 'सितारा' और 'तड़प' जैसी कई शानदार फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. 


उतार-चढ़ाव भरी रही निजी जिंदगी


बता दें कि जरीना वहाब की निजी जिंदगी काफी उथल-पुथल भरी रही. उन्होंने अभिनेता आदित्य पंचोली को अपना हमसफर बनाया है और वह सूरज पंचोली की मां हैं. जरीना के पति और बेटे दोनों का नाम कई विवादों में आ चुका है, जिसके चलते उनके नाम की चर्चा होने लगती है. जब कंगना ने आदित्य पंचोली पर आरोप लगाए थे, तब जरीना ने अपने पति का बचाव किया था. उन्होंने कहा था कि जब मैंने खुद से छोटे लड़के से शादी की थी, मैं तब से ही इसके लिए तैयार थी.


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