त्रिसूर/तिरुवनंतपुरम: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज निर्देशक कमल को उस वक्त एक अलग तरह के विरोध का सामना करना पड़ा, जब बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं ने त्रिशूर स्थित उनके घर के सामने राष्ट्रगान गाया. केरल स्टेट चलचित्र अकादमी (केएससीए) के अध्यक्ष कमल ने कहा कि यह बात उन्हें अभी तक समझ में नहीं आई है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ऐसा क्यों किया.

केएससीए केरल में चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ केरल (आईएफएफके) का मुख्य आयोजक है.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों अपने एक फैसले में कहा था कि सिनेमा हॉल में किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य होगा. कोर्ट का यह फैसला आईएफएफके में चर्चा का एक बिंदू बन चुका है. आईएफएफके का आयोजन पिछले सप्ताह शुरू हुआ है.

राष्ट्रगान बजने के दौरान उसके सम्मान में खड़ा होने से इंकार करने के आरोप में अब तक 12 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. बाद में हालांकि उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

राज्य के संस्कृति मंत्री ए.के.बालन ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि आईएफएफके के दौरान किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा.

कमल ने कहा, "हमने इस बात को सुनिश्चित किया है कि इसका पालन होगा और इसलिए मुझे यह बात समझ में नहीं आ रही कि बीजेपी ने ऐसा क्यों किया. वस्तुत: उन्होंने ऐसा करके राष्ट्रगान का अपमान किया है."

त्रिशूर में बीजेपी इस बात से खफा है कि राष्ट्रगान बजाने के खिलाफ याचिका दायर करने वाला याचिकाकर्ता उसी गांव का निवासी है, जिस गांव के कमल हैं.

पुलिस ने कमल के घर से 100 मीटर पहले ही बीजेपी प्रदर्शनकारियों को रोक लिया. प्रदर्शनकारी हालांकि राष्ट्रगान गाने के बाद वहां से लौटे.