#BlackLivesMatter: जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का विरोध कर रहे इंडियन सेलिब्रिटीज़-मिडिल क्लास पर अभय देओल ने ऐसे कसा तंज़
करण जौहर, प्रियंका चोपड़ा जोनस, करीना कपूर खान, दिशा पटानी और ईशान खट्टर सहित कई फिल्मी हस्तियों ने इस आंदोलन का समर्थन किया, जो पुलिस हिरासत में एक अश्वेत अमेरिकी की मौत से संबंधित है, जिसका नाम जॉर्ज फ्लॉयड है.
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता अभय देओल ने उन तमाम भारतीय सेलिब्रिटीज़ और मिडिल क्लास के लोगों को आड़े हाथों लिया है, जो अमेरिका में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर तो अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, लेकिन अपने ही देश की समस्याओं पर खामोश रहते हैं. अभय देओल ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट लिखा है. साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें कागज़ के पन्ने पर हैशटैग के साथ कलम से लिखा है, "माइग्रेंट लाइव्स मैटर, माइनॉरिटी लाइव्स मैटर, पूअर लाइव्स मैटर." यानी प्रवासी, अल्पसंख्यक और गरीबों की ज़िंदगी भी अहम है.
अभय देओल ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "क्या यह वक्त इन सारी चीजों के लिए है? अब जब जागरूक इंडियन सेलेब्रिटीज और मिडिल क्लास अमेरिका में प्रणालीगत नस्लवाद के साथ लड़ने के लिए एकजुट हो रहे हैं, शायद वे अपने यहां की समस्याओं के प्रति ही अनजान हैं. अमेरिका ने पूरी दुनिया को हिंसा का निर्यात किया है. उन्होंने इसे पहले की अपेक्षा और भी ज्यादा खतरनाक जगह बना दिया है. ऐसा होना तो अपरिहार्य था."
अभय ने आगे लिखा, "मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे इसके हकदार हैं, बल्कि मैं कह रहा हूं कि इस तस्वीर को इसकी पूरी समग्रता के साथ देखें. मैं कह रहा हूं कि अपने देश में प्रणालीगत समस्याओं के लिए आवाज उठाकर उनका समर्थन करें, क्योंकि ये भी आगे चलकर कुछ ऐसे ही बनकर उभर सकते हैं. मैं कह रहा हूं कि उनके नेतृत्व का पालन करें, लेकिन उनके कार्यो का अनुसरण न करें. अपने देश के लिए प्रासंगिक कार्यों को करें, उनके लिए मुखर बनें. ब्लैक लाइव्स मूवमेंट इसी के बारे में ही तो है. समग्र रूप में हम या वे नहीं, बल्कि बात एक पूरे देश की है. हैशटैगमाइग्रेंटलाइव्समैटर, हैशटैगपूअरलाइव्समैटर हैशटैगमाइनॉरिटीलाइव्समैटर."
पिछले कुछ दिनों में करण जौहर, प्रियंका चोपड़ा जोनस, करीना कपूर खान, दिशा पटानी और ईशान खट्टर सहित कई फिल्मी हस्तियों ने इस आंदोलन का समर्थन किया, जो पुलिस हिरासत में एक अश्वेत अमेरिकी की मौत से संबंधित है, जिसका नाम जॉर्ज फ्लॉयड है. जॉर्ज की मौत के बाद से अमेरिका के करीब 40 शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और हिंसा भड़की, जिसके बाद वहां कर्फ्यू लगाया गया. अमेरिका में बड़े पैमाने पर नस्लभेद के विरोध में प्रदर्शन जारी हैं.